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सरखेत आपदा के आंसू अभी भी थम नहीं रहे हैं

रायपुर

गत वर्ष बरसात में “सरखेत” में आई आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया था। प्रकृति के प्रकोप के आगे मनुष्य स्वयं को असहाय महसूस कर रहा था। सरखेत के सुंदर खेत जो धान की पौध से लहलहा रहे थे देखते ही देखते भूस्खलन और बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे। जान माल की भी बहुत क्षति हुई थी। सरखेत की आपदा को लेकर गीतकार और गायक उपदेश चंद भारती ने मार्मिक गीत लिखा जिसे स्वर संगम स्टूडियो सौड़ा सरोली द्वारा लांच किया गया ।

आपदा के आंसू और जन भावनाओं को व्यक्त करता यह मार्मिक गीत यूट्यूब चैनल पर बहुत पसंद किया जा रहा है। सरखेत की आपदा को लगभ एक वर्ष का समय होने वाला है लेकिन अभी भी लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

सरखेत जनपद टिहरी गढ़वाल का हिस्सा है जो कि राजधानी देहरादून के मालदेवता से चंद किलोमीटर की दूरी पर ही बसा हुआ है। सरखेत के आम जनमानस की पीड़ा को व्यक्त करता हुआ उपदेश चंद भारती जी द्वारा लिखा हुआ और गाया गया यह गीत आज सबकी जुबां पर है और हर आंख की नमी को महसूस कर रहा है।

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