ऋषिकेश(अंकित तिवारी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ की शुरुआत की गई। इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देना है। अभियान के तहत विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पौधरोपण भी किया गया।
अगले दो सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान का उद्घाटन एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने एम्स द्वारा आयोजित इस अभियान को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता बताया और कहा कि समाज को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य केवल साफ-सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिकों की सहभागिता से पौधरोपण, कचरा मुक्त वातावरण का निर्माण, और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कर एक स्वच्छ भारत की स्थापना करना भी है। इस अभियान के तहत संस्थान के अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने इस अवसर पर पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार और हरे-भरे परिवेश को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके बाद, अभियान के सदस्यों ने आस्था पथ पर सफाई अभियान चलाया, जिसमें सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता सुनिश्चित की गई।
कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. पूजा भदौरिया ने बताया कि इस अभियान के दौरान ठोस और गीले अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ आस्था पथ के किनारे कूड़ेदानों की व्यवस्था भी की गई है।
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में की गई थी। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डीएमएस डॉ. भारत भूषण, और अन्य संकाय सदस्य, नर्सिंग अधिकारी, और हाउसकीपिंग स्टाफ सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
यह अभियान एम्स ऋषिकेश के कर्मचारियों और समाज को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित करता है, जो स्वच्छ और स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने में योगदान देगा।