डोईवाला (अंकित तिवारी)- शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का 56वां स्थापना दिवस अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सामाजिक जागरूकता का संदेश दिया, जो कि कार्यक्रम की मुख्य विशेषता रही।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, पूर्व जिला समन्वयक प्रो. के.एल. तलवाड़ ने एनएसएस की गतिविधियों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एनएसएस में भाग लेने से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से विद्यार्थी समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जुड़कर एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। इसके अलावा, एनएसएस के नियमित और विशेष शिविरों में भाग लेने और “बी” एवं “सी” प्रमाण पत्र परीक्षा में सफल होने से विद्यार्थियों के करियर की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। प्रो. तलवाड़ ने इस अवसर पर अपनी स्वरचित पुस्तक भी भेंट की।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डी.पी. भट्ट ने एनएसएस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह एक राष्ट्रीय और पाठ्यसहगामी कार्यक्रम है, जिससे जुड़ने वाले विद्यार्थी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। उन्होंने छात्रों को समाज सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना विकसित करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. एन.डी. शुक्ला, प्रो. संतोष वर्मा, और डॉ. राखी पंचोला ने भी एनएसएस के महत्व पर चर्चा की और स्वयंसेवी छात्रों को इसकी भावना से अवगत कराया। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण जोशी ने एनएसएस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय एकता पर आधारित लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया गया और विशेष शिविर पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम का संचालन विवेक लोधी ने किया, और इसमें महाविद्यालय के कई प्रमुख प्राध्यापकों, जैसे डॉ. प्रमोद पंत, डॉ. कंचन सिंह, डॉ. पूनम पांडे, डॉ. नवीन नैथानी, डॉ. राकेश भट्ट, डॉ. एस.एल. यादव, डॉ. वल्लरी कुकरेती, डॉ. सुजाता, डॉ. संगीता रावत, डॉ. प्रीतपाल सिंह, और डॉ. अनिल कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयंसेवियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना और इसके उद्देश्यों को पुनः जीवंत किया, साथ ही छात्रों के व्यक्तित्व विकास और समाज सेवा के महत्व को रेखांकित किया।