ऋषिकेश(अंकित तिवारी)- उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के बाद पहली बार ऋषिकेश की सड़कों पर अपने अधिकारों के लिए हजारों की संख्या में मूल निवासी उतरे। रविवार को मूल निवास 1950 और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर आयोजित स्वाभिमान महारैली में 15 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी निभाई। मातृशक्ति, युवा, पूर्व सैनिक, वरिष्ठ नागरिकों और पूर्व कर्मचारियों सहित उत्तराखंड की जनता ने इस रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जो कि मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित की गई थी।
रैली के आयोजकों ने इसे जन संघर्ष का एक बड़ा कदम बताया, जो राज्य के भू-कानूनों को सशक्त करने और मूल निवास के अधिकारों की बहाली के लिए एक निर्णायक लड़ाई की शुरुआत है।
रैली के दौरान वक्ताओं ने कहा कि जनता की यही ताकत उन्हें संघर्ष के लिए प्रेरित कर रही है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कि उनके हक और अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए ठोस भू-कानून नहीं बनाया जाता।