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पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती हैं : बी• पी• कोठारी

टिहरी

हमें अपने दैनिक जीवन में पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। पुस्तकें हमारी सच्ची और वास्तविक मित्र होती हैं। उक्त विचार राजकीय इंटर कॉलेज नागणी में पुस्तकालय समारोह मनाए जाने के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री बी पी कोठारी जी ने व्यक्त किए। श्री कोठारी जी ने कहा की पुस्तकें हमारी सुख दुख की सच्ची साथी होती हैं। पुस्तके हमें सद मार्ग की ओर ले जाती हैं। पुस्तकें हमारी उलझनों को सुलझाती हैं। श्री बी पी कोठारी जी ने छात्रों से दैनिक दिनचर्या में पुस्तकों को पढ़ने की आदत शामिल करने का भी इस अवसर पर आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षा, साहित्य, कला, खेलकूद, पर्यावरण, महापुरुषों की जीवनी, प्रेरक प्रसंग, वैज्ञानिकों का जीवन परिचय सहित हजारों की संख्या में पुस्तकें उपलब्ध हैं। हमें इन पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए और इससे लाभान्वित होना चाहिए।

पुस्तकालय प्रभारी जगदीश ग्रामीण ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन की दशा और दिशा को बदल देती हैं। हमें पुस्तकों से प्रेम जताना बहुत जरूरी है। हमें नियमित रूप से पुस्तकों एवं समाचार पत्र को पढ़ना चाहिए। इससे हम जहां नवीनतम जानकारी से परिचित रहते हैं वही पुस्तकें हमारा भरपूर मनोरंजन भी करती हैं। पुस्तकें हमें अपनी संस्कृति से जोड़ती हैं, समय का सदुपयोग करना सिखाती हैं और जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में कैमरामैन अक्षयदीप रावत, कनुप्रिया बहुगुणा, अंशिका मैठाणी, अनीशा नेगी, योगिता बहुगुणा, समीक्षा डबराल, मंदीप कुमार, योगेश बहुगुणा, अमित राणा का विशेष सहयोग रहा।

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