ऋषिकेश(अंकित तिवारी)– अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला में देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने बाल चिकित्सा में एनेस्थीसिया के उपयोग और इसके प्रभावों पर गहन चर्चा की। एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के तत्वाधान में आयोजित इस सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम में बाल चिकित्सा एनेस्थीसिया के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य विषय “हार्मोनाइजिंग केयर क्राइसिस एंड कम्पैशन” रहा, जिसमें विशेषज्ञों ने वायुमार्ग प्रबंधन, अल्ट्रासाउंड निर्देशित क्षेत्रीय एनेस्थीसिया और पेरी-ऑपरेटिव संकट प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की। विशेषज्ञों ने बाल चिकित्सा में एनेस्थीसिया के उपयोग के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनके प्रभावी समाधान के तरीकों पर अपने अनुभव साझा किए।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बाल रोगियों और उनकी पेरीऑपरेटिव देखभाल पर केंद्रित कार्यशाला को दूरगामी परिणामों के लिए लाभकारी बताया। डीन अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने इस प्रकार के सतत शैक्षणिक गतिविधियों और कौशल प्रशिक्षण से संबन्धित कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेषकर छोटे बच्चों की देखभाल के मामले में ऐसे आयोजनों की प्रासंगिकता पर जोर दिया। कार्यक्रम को प्रोफेसर मुकुल जैन, प्रोफेसर पारुल जिंदल, प्रोफेसर दिव्या गुप्ता, डॉ आरती राजपूत, डॉ (कर्नल) अमित राय, डॉ अंकिता काबी, डॉ प्रेम राज सिंह, डॉ रक्षा कुंडल, डॉ निधि कुमार, डॉ पूनम अरोड़ा, डॉ पूनम शेरवानी सहित कई अन्य ने भी संबोधित किया। इस दौरान प्रोफेसर गीता नेगी और डॉ वंदना ढींगरा के मार्गदर्शन में चिकित्सा मानविकी विभाग के सदस्यों डॉ आशीष भूटे और डॉ राकेश शर्मा के सहयोग से एक कार्यशाला भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम को प्रो. मुकुल जैन, प्रो. पारुल जिंदल, प्रो. दिव्या गुप्ता, डॉ. आरती राजपूत, डॉ. (कर्नल) अमित राय सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी संबोधित किया। इसके अलावा, प्रो. गीता नेगी और डॉ. वंदना ढींगरा के मार्गदर्शन में चिकित्सा मानविकी विभाग द्वारा भी एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. संजय अग्रवाल, आयोजन सचिव प्रो. यशवंत सिंह पायल, सह-आयोजन सचिव डॉ. प्रवीण तलवार और डॉ. मृदुल धर सहित प्रोफेसर अजीत कुमार, डॉ अंकित अग्रवाल, डॉ गौरव जैन, डॉ अजय कुमार, डॉ प्रियंका गुप्ता, डॉ दीपक सिंगला, डॉ भावना गुप्ता, डॉ रूमा ठाकुरिया और डॉ निकिता चौधरी आदि शामिल थे।