ऋषिकेश(अंकित तिवारी): एम्स, ऋषिकेश में संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वृद्धजनों के प्रति सम्मान और उनकी देखभाल के महत्व पर जागरूकता बढ़ाई गई। यह आयोजन एम्स ऋषिकेश के जेरियाट्रिक मेडिसिन (जराचिकित्सा चिकित्सा विभाग) द्वारा किया गया, जो इस वर्ष की वैश्विक थीम “सम्मान के साथ बुढ़ापा: दुनियाभर में वृद्धजनों के लिए देखभाल और सहायता प्रणालियों को मजबूत करने का महत्व” पर आधारित था।
संकायाध्यक्ष (अकादमिक) प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल की देखरेख में जेरियाट्रिक मेडिसिन ओपीडी में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें नर्सिंग अधिकारियों और स्थानीय निवासियों ने एक नाट्य प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति के माध्यम से वृद्धजनों के परिवार और सामुदायिक समर्थन के महत्व को रेखांकित किया गया, साथ ही उनके दैनिक जीवन की चुनौतियों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शन के बाद डॉ. पारुल भूटानी ने वृद्ध व्यक्तियों की निवारक देखभाल की आवश्यकता और उनके समर्थन में स्वास्थ्य प्रणालियों की भूमिका पर जोर दिया।
कार्यक्रम के अंतर्गत मिनी ऑडिटोरियम में बुजुर्गों की देखभाल पर आधारित एक पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसके बाद “सेलिब्रेट एजिंग” शीर्षक से एक औपचारिक कार्यक्रम हुआ। विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी धर ने अपने स्वागत भाषण में वृद्धजनों के सम्मान और देखभाल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की वरिष्ठ वैज्ञानिक जॉयिता बनर्जी ने उम्र बढ़ने के वैश्विक रूझानों और वृद्धजनों के लिए सहायता प्रणालियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर चर्चा की। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के सदस्यों को सम्मानित किया गया और त्रैमासिक वृद्धावस्था समाचार पत्र ‘सिल्वरलाइनिंग’ के अक्टूबर अंक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का समापन विभाग की फैकल्टी सदस्य डॉ. मोनिका पठानिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।