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शरणागति और भक्ति से कोई भी संकट दूर हो जाता है : स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज

जौलीग्रांट(अंकित तिवारी): देहरादून के जौलीग्रांट क्षेत्र में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिवस पर एक अद्भुत और दिव्य आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं को गजेंद्र मोक्ष कथा सुनने का विशेष सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस धार्मिक कथा का वाचन प्रसिद्ध गौड़ीय मठ थानों के परम पूज्य त्रिदण्डी स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने किया।
कथा के दौरान, स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने गजेंद्र मोक्ष की कथा का गहन और मनोहक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कथा का मूल संदेश यही है कि जीवन में चाहे हम कितने भी बलशाली क्यों न हों, विपत्ति के समय हमें केवल भगवान की शरण में ही राहत मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि हमारे कितने ही घनिष्ठ मित्र, रिश्तेदार और सगे-संबंधी क्यों न हों, विपत्ति के समय कोई हमारा साथ नहीं देता। हम खुद के बल और संसाधनों पर अत्यधिक निर्भर न रहें, बल्कि भगवान पर विश्वास रखें, क्योंकि वही हमें हमारे संकटों से उबारने वाले होते हैं। यह संदेश न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि जीवन के कठिन समय में मानवता और आत्मसमर्पण का भी एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का यह आयोजन जौलीग्रांट क्षेत्र में एक अद्भुत धार्मिक अनुभव बनकर उभरा। गजेंद्र मोक्ष की कथा ने लोगों को भगवान के प्रति श्रद्धा, समर्पण और भक्ति का महत्व समझाया, और साथ ही यह संदेश दिया कि मुश्किल समय में भगवान ही हमारे सच्चे सहायक होते हैं।

स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज के प्रवचन ने श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति की नई ऊर्जा का संचार किया। इस आयोजन का उद्देश्य श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के माध्यम से समाज में धार्मिक और नैतिक जागरूकता फैलाना था। कथा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं ने अपने जीवन में भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया।

इस धार्मिक आयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं में राकेश जोशी, सतीश जोशी, सुशील जोशी, प्रमोद जोशी, सुधीर जोशी, अनुज जोशी, मीना जोशी, सुधा जोशी और अन्य कथाप्रेमी प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी ने कथा का आनंद लिया और भगवान के प्रति अपनी भक्ति भावनाओं को अभिव्यक्त किया।

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