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अमिट छाप छोड़ गया टिहरी किताब कौथिग

उत्तराखंड//टिहरी

टिहरी किताब कौथिग में दर्जनों प्रकाशनों की पुस्तकें पाठकों को उपलब्ध हुई। पाठकों ने बड़ी मात्रा में पुस्तकें क्रय की। टिहरी किताब कौथिग के दूसरे दिन आज रविवार होने के कारण खूब भीड़ रही। बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने इस किताब कौथिग में बड़ी संख्या में भागीदारी की। *प्रारंभिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में हो इस विषय पर मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी श्री एस पी सेमवाल जी, डॉक्टर नंदकिशोर हटवाल जी, शिक्षाविद कमला पंत जी और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़े खजान सिंह जी ने अपने विचार व्यक्त किये।* वहीं दूसरी ओर गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी के गीतों में सामाजिक सरोकार विषय पर *बीना बेंजवाल जी, मदन मोहन डुकलान जी और डॉक्टर बिजल्वाण जी ने अपने विचार व्यक्त किये।* इस अवसर पर जन कवि नरेंद्र सिंह नेगी जी ने गढ़वाली गीत सुनाकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन भी किया। छात्रों को करियर *काउंसलिंग की जानकारी आर जे काव्य ने प्रदान की।* इस अवसर पर बीज बचाओ आंदोलन के जनक *विजय जड़धारी जी की पुस्तक का विमोचन पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल जी, पद्मश्री बसंती बिष्ट जी और जन कवि नरेंद्र सिंह नेगी जी ने संयुक्त रूप से किया।*

आज के कार्यक्रम में पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता *महिपाल सिंह नेगी जी, बाल कल्याण समिति जनपद टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष रमेश चंद्र रतूड़ी जी, श्रीमती मीनाक्षी सिलस्वाल, लक्ष्मण सिंह रावत, डॉ• अमरीश चमोली, डॉक्टर सुशील कोटनाला जी, श्री राम सिंह नेगी कुट्ठी जी, जगदीश ग्रामीण, उदय किरौला, हेम पंत* सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया। कुल मिलाकर टिहरी किताब कौथिग अपनी अमिट छाप छोड़ने में सफल रहा है।

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