कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी): डाॅ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग में भूगोल विभाग द्वारा ‘हिमालय के महत्व’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर वी. पी. सती ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती वंदना और प्राचार्य प्रोफेसर वी. एन. खाली द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर वी. पी. सती ने अपने व्याख्यान में हिमालय के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामरिक और जैविकीय पहलुओं पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि हिमालय न केवल भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह विभिन्न सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का भी प्रतीक है।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आर. सी. भट्ट ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. बी. सी. एस. नेगी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डाॅ. अखिलेश कुकरेती, डाॅ. एम. एस. कंडारी, डाॅ. नेहा तिवारी, डाॅ. नरेंद्र पंघाल, डाॅ. राधा रावत, डाॅ. इंद्रेश पांडेय, डाॅ. वी. आर. अंथवाल, डाॅ. डी. एस. राणा सहित सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।