देहरादून(अंकित तिवारी): उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस का यह विशेष अवसर हमें न केवल राज्य के विकास की उपलब्धियों पर गर्व करने का मौका देता है, बल्कि यह समय हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और भविष्य की दिशा तय करने का संकल्प भी दिलाता है। उत्तराखंड की एक प्रमुख समस्या रही है पलायन, जो न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को कमजोर करता है बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी बाधा उत्पन्न करता है। इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब हम अपने राज्य के उद्यमियों, रचनाकारों और कुटीर व लघु उद्योगों को सशक्त बनाकर स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाएँ।
साईं सृजन पटल और न्यूज लैटर का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के कुटीर उद्योगों, लघु उद्योगों, हस्तशिल्प, और लोक कला से जुड़े रचनाकारों को प्रोत्साहित करना और उन्हें एक व्यापक मंच प्रदान करना है। साईं सृजन पटल के संस्थापक प्रो. (डॉ.) के. एल. तलवाड़ कहते हैं कि “स्थानीय उद्यम और कुटीर उद्योग राज्य की आत्मा हैं और इन्हीं से हमारी संस्कृति एवं परंपराएं जुड़ी हैं। अगर हम इनको प्रोत्साहन दें, तो न केवल हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।”
कुटीर उद्योगों और लघु उद्योगों का विकास उत्तराखंड के हर क्षेत्र में संभव है, चाहे वह पारंपरिक वस्त्र निर्माण हो, हस्तशिल्प हो, जैविक कृषि उत्पाद हों या पर्यटन आधारित गतिविधियाँ। राज्य के युवाओं, महिलाओं और किसानों को प्रेरित करने और सशक्त बनाने के लिए स्थानीय संसाधनों का कुशलता से उपयोग करना होगा, जिससे कि उन्हें अपने ही गांवों और कस्बों में रोजगार मिल सके। इसके लिए प्रशिक्षण, विपणन और वित्तीय सहायता की योजनाएँ तैयार करना अत्यावश्यक है।
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में साईं सृजन पटल के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि राज्य के उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले और उनके उत्पादों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाए। प्रो. (डॉ.) के. एल. तलवाड़ के नेतृत्व में साईं सृजन पटल का यह प्रयास है कि राज्य के संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर एक ऐसी बुनियाद तैयार की जाए जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सके और उत्तराखंड को एक आदर्श आत्मनिर्भर राज्य के रूप में विकसित किया जा सके।
आइए, इस राज्य स्थापना दिवस पर हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि उत्तराखंड के उद्यमियों, कुटीर व लघु उद्योगों, और रचनाकारों को प्रोत्साहित कर अपने राज्य को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें।