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एक सप्ताह में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे : राम सिंह चौहान

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आह्वान पर आज उत्तराखंड के समस्त 13 जिलों से शिक्षक बड़ी संख्या में राजधानी देहरादून पहुंचे

देहरादून

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आह्वान पर आज उत्तराखंड के समस्त 13 जिलों से शिक्षक बड़ी संख्या में राजधानी देहरादून पहुंचे। यहां पर शिक्षक परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां से ढोल – दमाऊ, रणसिंघा आदि वाद्य यंत्रों के साथ हजारों की संख्या में शिक्षक घंटाघर, दिलाराम चौक होते हुए वापस परेड ग्राउंड पहुंचे।

शिक्षकों द्वारा निकाली गई इस “सरकार जागरण रैली” में राजधानी की सड़कें आज बहुत व्यस्त रहीं। प्रसन्नता की बात यह रही कि शिक्षकों द्वारा छात्र हित को मध्य नजर रखते हुए रैली रविवार के दिन निकाली गई। निश्चित रूप से शिक्षकों की यह पहल सराहनीय है; जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही कम है। प्राय: देखा जाता है कि सरकारी कर्मचारी कार्य दिवसों में हड़ताल करते हैं, आंदोलन करते हैं, जिससे सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है।
उत्तराखंड राज्य बनने से लेकर अब तक इस प्रदेश को हड़ताल प्रदेश के नाम से भी लोग पुकारते रहे हैं। शिक्षकों द्वारा अवकाश के दिन की गई इस रैली से निश्चित ही भविष्य में उत्तराखंड के अन्य कर्मचारी संगठन भी सीख लेंगे।

“राजकीय शिक्षक संघ” उत्तराखंड का सबसे बड़ा कर्मचारी संगठन है। लंबे समय पश्चात शिक्षकों में एकता, जोश, जुनून और नाराजगी देखी गई।
आज की रैली की विशेषता यह भी रही कि यह अनुशासित रैली थी। पुलिस को कहीं भी यातायात व्यवस्था बनाने में मशक्कत नहीं करनी पड़ी। सभी शिक्षक पंक्तिबद्ध होकर बाजार से निकले और आने – जाने वाले वाहनों को कोई परेशानी नहीं हुई और न आम जनता को किसी प्रकार की कठिनाई महसूस हुई। कई सामाजिक संगठनों ने और कर्मचारी संगठनों ने राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड को अपना नैतिक समर्थन दिया और कुछ संगठनों के पदाधिकारी भी आज की रैली में सम्मिलित हुए।


उत्तराखंड के सभी जिलों का आज अच्छा प्रतिनिधित्व रहा। शिक्षकों की राजधानी में इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति को देखकर राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी बहुत प्रसन्न और उत्साहित नजर आए।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने रैली के पश्चात शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र हित के मध्य नजर हमने जो आंदोलन का रास्ता अपनाया है वह छुट्टी के दिन रखा गया। श्री राम सिंह चौहान जी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हमें अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना पड़े। हम सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके, चर्चा – वार्ता के माध्यम से हर समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं। श्री राम सिंह चौहान ने कहा कि दो माह पूर्व शिक्षा विभाग के अधिकारियों और माननीय शिक्षा मंत्री जी के साथ जिन मुद्दों पर संगठन की सहमति बनी थी उन मुद्दों पर आज तक कोई कार्रवाई न होने के कारण हमें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। श्रीराम सिंह चौहान ने सरकार और विभाग से अपील की है कि शिक्षकों की वाजिब मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाए अन्यथा आंदोलन के लिए संगठन को बाध्य होना पड़ेगा।

इस अवसर पर राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के महामंत्री रमेश पैन्यूली, उपाध्यक्ष राजकुमार, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष गोकुल सिंह मर्तोलिया, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल ने भी सभा को संबोधित किया।
रैली में टिहरी गढ़वाल से आए शिक्षक अभिषेक थपलियाल एवं गोविंद प्रसाद जोशी का कहना था कि सरकार एनपीएस के नाम पर कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका रही है। राजनीतिक दलों के लोग खुद पेंशन लेते हैं एवं कर्मचारियों को 30-30 साल सरकारी सेवा करने के पश्चात भी पुरानी पेंशन योजना से वंचित रखते हैं यह कहां का न्याय है। शिक्षक ओ पी एस के समर्थन में और एनपीएस के विरोध में नारे लगाते हुए भी देखे गए। शिक्षक नारा लगा रहे थे *खुद तो पेंशन लेते हो और हमें टेंशन देते हो *। इसी प्रकार कई अन्य शिक्षक पदोन्नति की मांग करते नजर आए। श्री रौतेला जी, श्रीनिवास गैरोला जी, चमन रतूड़ी सहित बहुत से शिक्षकों ने कहा कि दशकों की सेवा के पश्चात भी शिक्षक एक ही पद से सेवानिवृत हो रहे हैं यह बहुत चिंता की बात है।

कई अन्य शिक्षक विद्यालय में प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को भरने की मांग करते नजर आए। अधिकांश शिक्षक हर माह होने वाली परीक्षा का भी विरोध जताते नजर आए। बहुत से शिक्षकों ने यह आरोप भी लगाया कि विभाग और सरकार सरकारी विद्यालयों की उपेक्षा कर रहे हैं। कुछ शिक्षकों का कहना था कि सरकार और विभाग ने सरकारी विद्यालयों को प्रयोगशाला बना दिया है। कुछ शिक्षकों का आरोप था कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था को एनजीओ के हवाले किया जा रहा है जो कि भविष्य के लिए सुखद संदेश नहीं है।

आज की रैली में गिरीश तिवारी, लक्ष्मण सिंह रावत, डॉक्टर बी पी भट्ट, अरविंद कोठियाल, दाताराम पूर्वाल, केदारदत्त सेमवाल, शिव सिंह नेगी, राजकुमार चौधरी, संजीव कुमार पांडे, उदय मनवाल, पूर्व महामंत्री सोहन सिंह माझिला, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष गोकुल सिंह मर्तोलिया, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, जगदीश बिष्ट, सुनील रतूड़ी, श्रीमती इंदिरा साहू, डॉक्टर पी डी स्नेही, दिनेश प्रसाद चमोली, सुनील असवाल, अभिषेक थपलियाल, गोविंद प्रसाद जोशी, इंद्र राज काला, गिरीश तिवाड़ी, रोशन बलूनी, जितेंद्र पंवार, डॉ विक्रम सिंह रावत, शास्त्री सर, राजीव शर्मा, श्रीनिवास गैरोला, दिलबर सिंह रावत, उपेंद्र भट्ट, अरविंद कोठियाल, चमन रतूड़ी, प्रीतम नेगी,एम एस राणा, जे एस बडोला, हरपाल सिंह परिहार, सुनील रतूड़ी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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