ऋषिकेश(अंकित तिवारी): शहरी जीवन में बढ़ते प्लास्टिक कचरे की समस्या के समाधान के लिए उत्तराखंड सरकार और स्थानीय निकायों द्वारा अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की ठोस व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है। इस दिशा में ऋषिकेश नगर निगम ने उल्लेखनीय कार्य करते हुए अन्य नगर निकायों के लिए एक मिसाल पेश की है।
प्लास्टिक बैंक से रीसाइक्लिंग को बढ़ावा
ऋषिकेश नगर निगम ने नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में प्लास्टिक कचरे को प्रबंधित करने के लिए त्रिवेणी घाट, आईएसबीटी और वीरभद्र जैसे प्रमुख स्थलों पर प्लास्टिक बैंक की स्थापना की है। इन बैंकों में पुरानी प्लास्टिक बोतलों से बने बॉक्स लगाए गए हैं, जहां लोग अपने प्लास्टिक कचरे का निपटान कर सकते हैं। इस प्रयास के तहत अब तक 400 किलो प्लास्टिक रीसाइकिल किया जा चुका है। इस सफलता को देखते हुए नगर निगम अन्य स्थानों, जैसे नटराज और रेलवे स्टेशन, पर भी प्लास्टिक बैंक लगाने की योजना बना रहा है।
‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क की स्थापना
नगर निगम ने प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामान और उपयोगी वस्तुएं तैयार करने के लिए अपने परिसर में ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क विकसित किया है। यहां पुराने टायर, खराब स्ट्रीट लाइट, और साइकिल-स्कूटर जैसे उपकरणों से बच्चों के झूले और सजावटी सामान बनाए गए हैं। साथ ही, रीसाइकिल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड और प्लास्टिक बैंक बॉक्स तैयार किए जा रहे हैं।
महिला स्वयं सहायता समूह से सशक्तिकरण
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए पहले महीने में मात्र तीन लाख रुपये का कलेक्शन हो पाता था। लेकिन अब ‘त्रिवेणी सेना’ नामक महिला स्वयं सहायता समूहों को यह जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद यह राशि 13 लाख रुपये तक पहुंच गई है। इस व्यवस्था से 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है, और नगर निगम उनकी सेवाओं के बदले उन्हें 25 प्रतिशत लाभांश भी प्रदान करता है।
तीर्थनगरी में पर्यावरण संरक्षण की पहल
धार्मिक और पर्यटन नगरी होने के कारण ऋषिकेश में प्लास्टिक कचरे की समस्या विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है। लेकिन नगर निगम के प्रयासों से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि रोजगार सृजन और जनजागरूकता भी सुनिश्चित हो रही है।
प्लास्टिक कचरे के सफल प्रबंधन और अभिनव प्रयोगों के लिए ऋषिकेश नगर निगम ने न केवल अपनी क्षमता साबित की है, बल्कि अन्य नगर निकायों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत किया है।