उत्तराखंड(अंकित तिवारी): देहरादून के समीप थानों में स्थित लेखक गाँव में नालंदा पुस्तकालय शोध एवं अनुसंधान केंद्र का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर लेखक गाँव के संरक्षक, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने हिमालय को प्रेरणा का असीम स्रोत बताते हुए कहा, जब भी व्यक्ति हताशा और निराशा के दौर से गुजरा है, उसने हिमालय की गोद में नया जीवन पाया है।उन्होंने विवेकानंद, महात्मा गांधी, और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महापुरुषों के हिमालय से जुड़े अनुभवों का उल्लेख किया और इसे प्रेरणा का केंद्र बताया।
डॉ. निशंक ने उत्तराखंड राज्य के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “यदि अटल जी नहीं होते, तो उत्तराखंड का निर्माण असंभव था। उनका योगदान न केवल राजनीति में बल्कि समाज, संस्कृति और साहित्य में भी अतुलनीय है।”
उन्होंने लेखक गाँव की स्थापना को साहित्य, संस्कृति और समाज के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह केंद्र अटल जी के सपनों को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।
कार्यक्रम में साहित्यकारों, शोधकर्ताओं, और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर नालंदा पुस्तकालय के महत्व और इसके द्वारा साहित्य एवं संस्कृति को दिए जाने वाले योगदान पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम का समापन अटल जी की स्मृतियों और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ हुआ।