देहरादून(अंकित तिवारी): वर्तमान समय में साहित्य, संस्कृति, और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए साहित्यिक मंचों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। इस दिशा में ‘साईं सृजन पटल’ मासिक पत्रिका ने एक नई पहचान स्थापित की है। हाल ही में, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. अंजु अग्रवाल और उपनिदेशक प्रो. ममता नैथानी को इस पत्रिका की प्रति भेंट की गई।
निदेशक ने इस प्रयास की सराहना करते हुए पत्रिका के निरंतर प्रकाशन और इसके उद्देश्य को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने इसे उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को संजोने और सहेजने का एक उत्कृष्ट प्रयास बताया। यह पत्रिका न केवल साहित्यिक समृद्धि को बढ़ावा दे रही है, बल्कि उच्च शिक्षा से जुड़े प्राध्यापकों और नवोदित लेखकों के लिए एक आदर्श मंच भी उपलब्ध करवा रही है।
उपनिदेशक प्रो. ममता नैथानी ने इस पत्रिका को सृजनशीलता का प्रतीक बताया। उनके अनुसार, यह मंच नवोदित लेखकों और सृजनकर्ताओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। यह न केवल साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहन दे रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
पत्रिका के संपादकीय दल की सक्रियता और समर्पण भी प्रशंसा के पात्र हैं। निदेशक और उपनिदेशक ने पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी और सह संपादक अमन तलवाड़ को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी।
प्रो. के.एल. तलवाड़, पत्रिका के प्रेरणा स्त्रोत और संरक्षक, ने जानकारी दी कि पत्रिका का जनवरी अंक 31 तारीख को प्रकाशित होगा। उनकी यह पहल साहित्यिक दुनिया में एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
सृजनशीलता को प्रोत्साहन देने वाले ऐसे प्रयास समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। ‘साईं सृजन पटल’ न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर रहा है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को अपनी संस्कृति और साहित्य से जोड़ने का कार्य भी कर रहा है।