यह लेख मनोज ऐर के संघर्षों और उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों को रेखांकित करता है। जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। मनोज ऐर न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और कार्यस्थल पर भी अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड शासन ने वर्ष 2012-13 में मनोज ऐर को दक्ष दिव्यांग कर्मचारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पांच हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि संकल्प और समर्पण हो, तो कोई भी शारीरिक बाधा सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
इस विशेष अवसर पर मनोज ऐर के पिता केशर सिंह ऐर, माता जानकी ऐर, पत्नी गौरी और छोटे भाई संदीप भी उपस्थित रहे। प्रो. तलवाड़ ने मनोज की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन उन दिव्यांगों के लिए प्रेरणा है, जो कभी-कभी परिस्थितियों से हार मानने लगते हैं।
मनोज ऐर का यह सम्मान दिव्यांगजनों के हौसले को बढ़ाने और समाज में सकारात्मक संदेश देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।