ऋषिकेश(अंकित तिवारी):उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से संचालित संजीवनी हेली एंबुलेंस सेवा ने बीते सप्ताह तीन गंभीर मरीजों की जान बचाकर अपनी महत्ता सिद्ध की। एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित और राज्य सरकार के सहयोग से संचालित इस सेवा के माध्यम से चमोली, उत्तरकाशी और श्रीनगर के मरीजों को तत्काल एम्स ऋषिकेश पहुंचाकर जीवन रक्षा की गई।
भालू के हमले में घायल मरीज को मिली नई जिंदगी
गुरुवार को चमोली जिले के गोपेश्वर में दयाराम नामक व्यक्ति पर वन्य जीव भालू ने जानलेवा हमला कर दिया, जिससे उनका चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ट्रॉमा सेंटर को सूचना दी गई, जहां ट्रॉमा विशेषज्ञों ने प्राथमिक चिकित्सा के निर्देश दिए। डॉ. रूबी कटारिया एवं नर्सिंग अधिकारी मनोज कुमार की देखरेख में हेली एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को एम्स ऋषिकेश लाया गया, जहां ट्रॉमा विशेषज्ञ डॉ. मधुर उनियाल के अंडर उपचार जारी है। चिकित्सकों के अनुसार, मरीज की स्थिति में अब सुधार हो रहा है।
प्रसव पश्चात रक्तस्राव से पीड़ित महिला की समय पर हुई चिकित्सा
उत्तरकाशी जिला महिला अस्पताल से एक प्रसूता शीतल को अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण जीवन संकट में था। हीमोग्लोबिन मात्र 3 ग्राम रहने और रक्तचाप के गिरने के कारण मरीज की स्थिति गंभीर हो गई थी। चिकित्सकों ने तत्काल उसे एम्स रेफर किया, जिसके बाद डॉ. दीक्षा एवं नर्सिंग अधिकारी मेघा भट्ट की देखरेख में हेली एंबुलेंस द्वारा एम्स ऋषिकेश लाया गया। डॉ. पूनम के अंडर भर्ती कराकर समुचित उपचार दिया गया, और अब मरीज की स्थिति पहले से बेहतर है।
मिर्गी और उच्च रक्तचाप के मरीज को संजीवनी बनी हेली सेवा
शुक्रवार को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती सुरेंद्र नामक मरीज को लगातार मिर्गी के दौरे और उच्च रक्तचाप के कारण जीवन संकट बना हुआ था। मरीज को तुरंत डॉ. जितेंद्र एवं नर्सिंग अधिकारी महेंद्र चौधरी की निगरानी में हेली एंबुलेंस द्वारा एम्स ऋषिकेश लाया गया। इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. निधि कैले के अंडर इलाज शुरू हुआ, जिससे अब मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है।
भारत की पहली निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा बनी वरदान
गौरतलब है कि भारत की पहली निःशुल्क हेली एंबुलेंस सेवा एम्स ऋषिकेश में शुरू की गई है, जो दुर्गम पहाड़ी इलाकों से मरीजों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर जीवनरक्षक भूमिका निभा रही है। आपात स्थिति में कोई भी व्यक्ति जिला चिकित्सालय अथवा जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क कर इस सेवा का लाभ उठा सकता है।