ऋषिकेश(अंकित तिवारी): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के तत्वावधान में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (IASO) नॉर्थ जोन कांफ्रेंस- 2025 का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में देशभर से प्रतिष्ठित सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, कैंसर शोधकर्ता एवं चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हुए, जहां नवीनतम उपचार पद्धतियों, शोध और तकनीकी नवाचारों पर विस्तृत चर्चा की गई।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट एवं एम्स दिल्ली के पूर्व ऑंकोलॉजिस्ट डॉ. एस.वी.एस. देव एवं एम्स ऋषिकेश के पूर्व निदेशक व अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव मिश्रा ने संयुक्त रूप से विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने सम्मेलन में कैंसर उपचार के समग्र प्रबंधन विषय पर व्याख्यान दिया। निदेशक एम्स ने कहा कि कैंसर का इलाज केवल सर्जरी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसकी रोकथाम, प्रारंभिक पहचान, उन्नत चिकित्सा पद्धतियों और रोगी की दीर्घकालिक देखभाल को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए।
सम्मेलन में प्रोफेसर अमित गुप्ता ने बताया कि एम्स, ऋषिकेश का सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग अपनी बेहतर चिकित्सा सेवाओं के मद्देनजर देश के प्रमुख कैंसर सर्जरी केंद्रों में से एक बनकर उभरा है। प्रो. गुप्ता के मुताबिक संस्थान के कैंसर सर्जरी विभाग हेड एंड नेक, थोरैसिक, जठरांत्रीय , स्त्री रोग , स्तन और मुलायम ऊतक (Soft Tissue) कैंसर के उन्नत उपचार और प्रबंधन में अग्रणीय भूमिका निभा रहा है।
बताया गया है कि विभाग ने उच्च स्तरीय ऑपरेटिव परिणाम हासिल किए हैं, जिनमें उन्नत न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी , रोबोटिक सर्जरी और ऑनको-रिकंस्ट्रक्टिव आदि चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं।
विभाग द्वारा किए गए कई जटिल सर्जिकल इंटरवेंशन्स ने रोगियों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाया है और कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण सफलता दर प्रदान की है।खासतौर से मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम अप्रोच को अपनाकर, यह विभाग प्रत्येक रोगी के लिए व्यक्तिगत उपचार योजनाएं विकसित कर रहा है, जिससे सर्जिकल सफलता दर में वृद्धि दर्ज की गई है और संबंधित रोगियों को कम पुनरावृत्ति का सामना करना पड़ रहा है।
सर्जिकल ऑंकोलॉजी विभाग के फैकल्टी सदस्य एवं आयोजन सचिव डॉ. राहुल कुमार व उप सचिव डॉ. ऋतु ठाकुर ने इस आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सम्मेलन के माध्यम से कैंसर सर्जरी में नवीनतम तकनीकों, उन्नत उपचार पद्धतियों और शोध पर गहन चर्चा की गई। कांफ्रेंस में शिरकत करने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि इस प्रकार के सम्मेलन कैंसर के उपचार को और अधिक प्रभावी एवं उन्नत बनाने में सहायक होंगे, जिससे रोगियों को अधिक सटिक और समयबद्ध चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
डॉ. राहुल कुमार ने बताया कि ऋषिकेश एम्स का सर्जिकल ऑंन्कोलॉजी विभाग अपने अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, कुशल चिकित्सकों और उच्च सफलता दर वाले ऑपरेटिव परिणामों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में जुटा है।
सम्मेलन में संस्थान की संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री, प्रो. मनोज गुप्ता, डॉ. उत्तम कुमार नाथ, डॉ. केएस. राजकुमार, डॉ. अमित सहरावत, डॉ. दीपक सुंद्रियाल, डॉ. दीपा जोसफ के अलावा हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट से प्रो. सुनील सैनी, डॉ. मदिवलीश चैबी, डॉ. सौरभ नंदी, महंत इंद्रेश अस्पताल से प्रो. पंकज गर्ग, डॉ. अजीत तिवारी आदि मौजूद थे।
उल्लेखनीय चिकित्सकीय योगदान के लिए सम्मान से नवाजा
सम्मेलन में शिरकत करने वाले कई चिकित्सा विशेषज्ञों को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान व उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान डॉ. एस.वी.एस. देव, डॉ. संजीव मिश्रा और डॉ. सुषमा भटनागर को ‘Gem of Oncology’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।