देहरादून: उत्तराखंड की सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में उभरती पत्रिका साईं सृजन पटल का सातवां अंक हाल ही में विमोचित हुआ। अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्वतारोही एवं पर्यावरणविद् डॉ. हर्षवन्ती बिष्ट ने पत्रिका के इस नवीनतम अंक का विमोचन किया। पत्रिका के सतत प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने संपादकीय मंडल को शुभकामनाएं दीं और इसे उत्तराखंड की संस्कृति एवं समृद्ध विरासत को पाठकों के समक्ष लाने का एक प्रशंसनीय प्रयास बताया।
रचनात्मकता और प्रेरणा का मंच
डॉ. बिष्ट ने कहा कि साईं सृजन पटल पत्रिका केवल एक प्रकाशन नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच बन रही है जो उत्तराखंड की मिट्टी से जुड़े साहित्य, संस्कृति, पर्यटन, साहसिक यात्राओं और संघर्षशील व्यक्तित्वों की प्रेरक गाथाओं को उजागर करता है। इस पत्रिका में प्रकाशित सामग्री सृजनात्मकता और रोचकता को समेटे हुए है, जो पाठकों को न केवल आनंदित करती है बल्कि उन्हें अपने समाज और परंपराओं से जोड़ने का कार्य भी करती है। जीवन के कठिन संघर्षों से आगे बढ़ने वाली प्रतिभाओं को इस पत्रिका में यथोचित सम्मान और स्थान दिया गया है, जिससे अन्य पाठकों को भी प्रेरणा प्राप्त हो रही है।

उत्तराखंड की विरासत का दस्तावेज
पत्रिका के संपादक डा. के.एल. तलवाड़ का कहना है कि साईं सृजन पटल नवोदित लेखकों के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में कार्य कर रही है, जहां उन्हें अपनी लेखनी के माध्यम से अपनी पहचान स्थापित करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पत्रिका में समसामयिक विषयों के साथ ऋतुओं से जुड़ी सामग्री को भी समाहित करने का प्रयास किया गया है, ताकि पाठकों को विविधता का अनुभव हो।
पत्रिका के उप-संपादक अंकित तिवारी ने इस पहल को उत्तराखंड की सफलता की कहानियों को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण जरिया बताया। उन्होंने कहा कि पत्रिका उन लोगों की प्रेरणादायक यात्राओं को सामने ला रही है, जिन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत के बल पर सफलता की नई इबारत लिखी है। इससे न केवल समाज में सकारात्मकता का संचार हो रहा है, बल्कि नए सपनों को उड़ान देने की ऊर्जा भी मिल रही है।

लोकप्रियता की ओर बढ़ते कदम
सिर्फ सात माह के अल्पकालिक प्रकाशन में ही साईं सृजन पटल ने पाठकों के बीच अपनी एक विशेष पहचान बना ली है। इस पत्रिका की गुणवत्ता और विषयवस्तु ने सुधी पाठकों को इतना आकर्षित किया है कि उन्हें इसके प्रत्येक नए अंक की प्रतीक्षा रहती है। यह पत्रिका साहित्य, संस्कृति, पर्यटन और व्यक्तित्व विकास का एक ऐसा समृद्ध संकलन प्रस्तुत कर रही है, जो समाज के हर वर्ग के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक है।
साईं सृजन पटल के इस सफलतम प्रकाशन को देखते हुए यह निश्चित है कि आने वाले समय में यह पत्रिका उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। इस पत्रिका का प्रत्येक अंक पाठकों को न केवल ज्ञानवर्धक सामग्री प्रदान करेगा, बल्कि उनकी जड़ों से जोड़ने और अपनी विरासत पर गर्व करने का अवसर भी देगा। यह पत्रिका सिर्फ एक प्रकाशन नहीं, बल्कि उत्तराखंड के गौरव को सहेजने और उसे विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का एक सार्थक प्रयास है।