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 डॉ. मंजू कोगियाल की पुस्तक ‘आंचलिक उपन्यासों में ग्राम्य पात्रों का जीवन संघर्ष’ का हुआ विमोचन

नैनबाग,टिहरी गढ़वाल(अंकित तिवारी):राजकीय महाविद्यालय नैनबाग के हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. मंजू कोगियाल की पुस्तक ‘आंचलिक उपन्यासों में ग्राम्य पात्रों का जीवन संघर्ष’ का विमोचन हुआ। इस अवसर पर साहित्य और शिक्षा जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एम.एम. सेमवाल (हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर) रहे, वहीं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, काशीपुर की प्राचार्य प्रो. सुमिता श्रीवास्तव और प्रो. एम.सी. सती (विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र, हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर) भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन परमानंद चौहान (विभाग प्रभारी, अर्थशास्त्र) ने किया।

इस पुस्तक को शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी माना जा रहा है। इसमें डॉ. कोगियाल ने प्रेमचंदोत्तर युग के 27 उपन्यासों को आधार बनाकर ग्रामीण समाज के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक पहलुओं को पात्रों के माध्यम से यथार्थ रूप में प्रस्तुत किया है। विशेष रूप से, पुस्तक में आंचलिक उपन्यासों को प्रमुखता दी गई है, जिससे ग्रामीण जनजीवन के संघर्षों की गहन पड़ताल की गई है।

इस विशेष अवसर पर महाविद्यालय परिवार ने डॉ. मंजू कोगियाल को शुभकामनाएं दीं और उनके इस महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। विमोचन समारोह में उपस्थित शिक्षाविदों ने पुस्तक को हिंदी साहित्य के शोध और अध्ययन के लिए मील का पत्थर बताया।

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