ऋषिकेश(अंकित तिवारी):उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में सभी सुपरस्पेशलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं कैशलेस मिलेंगी। भारतीय सेना से सेवानिवृत्त कर्मियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स ऋषिकेश और भारतीय सेना के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए।
शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह और भारतीय सेना की ओर से मेजर जनरल आर. प्रेमराज ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस करार से उत्तराखंड के 4.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को एम्स में उपलब्ध सभी तरह की इंडोर व आउटडोर चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी आर्थिक बाधा के मिल सकेंगी।
पूर्व सैनिकों को रैंक के अनुसार मिलेगा लाभ
कार्यक्रम में प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि इस समझौते के तहत पूर्व सैनिकों को उनकी रैंक के अनुसार अस्पताल में सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं कैशलेस उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह एम्स के लिए भी गर्व की बात है कि वह भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों की चिकित्सा सेवा में योगदान दे सकेगा।
एम्स में आयुष्मान भारत योजना विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मोहित धींगरा ने बताया कि यह समझौता एम्स प्रशासन और रक्षा मंत्रालय के आपसी समन्वय से संभव हो पाया है। इस पहल में एम्स की चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्यश्री का भी विशेष योगदान रहा।
समारोह में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण अवसर पर एम्स ऋषिकेश के वरिष्ठ अधिकारियों सहित भारतीय सेना के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। इनमें ब्रिगेडियर परीक्षित (कमांडेंट, मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून), ब्रिगेडियर पी. तिवारी (कमांडेंट, मिलिट्री हॉस्पिटल रूड़की), कर्नल जितेंद्र कुमार (डायरेक्टर, रीजनल सेंटर ईसीएचएस, देहरादून) समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।
उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत
इस करार से उत्तराखंड में मौजूद हजारों पूर्व सैनिकों को एम्स ऋषिकेश की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिलेगी और बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। सेना और एम्स के इस सहयोग से उत्तराखंड में भूतपूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।