रानीपोखरी(अंकित तिवारी): जब पूरे देश में होली के रंगों की धूम मची थी, उत्तराखंड के देहरादून जिले का पुन्नीवाला गाँव जल संकट की विभीषिका झेल रहा था। एक ओर लोग रंग और पानी से होली खेल रहे थे, तो दूसरी ओर इस गाँव के निवासी बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर रहे थे।
गंभीर जल संकट की चपेट में पुन्नीवाला
पुन्नीवाला गाँव में होली के दिन पानी की भारी किल्लत देखी गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, कई दिनों से जलापूर्ति बाधित थी, जलस्रोत भी सूखे पड़े थे। स्थिति इतनी विकट थी कि लोग पीने तक के पानी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए।
गाँव के निवासी ललित प्रसाद तिवारी ने बताया, “जहाँ अन्य जगहों पर लोग पानी से होली मना रहे थे, हमें अपने दैनिक उपयोग के लिए भी पानी नहीं मिल रहा था। प्रशासन को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।”
होली पर पानी की कमी ने बढ़ाई परेशानी
गाँव के बुजुर्गों और महिलाओं ने बताया कि हर साल गर्मियों में यहाँ पानी की किल्लत होती है, लेकिन इस बार होली जैसे बड़े त्योहार पर पानी न होने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई। पूजा-पाठ से लेकर रंग खेलने तक के लिए पानी उपलब्ध नहीं था।
स्थानीय गृहणी कमलेश कोठियाल कहती हैं, “होली पर घरों में पकवान बनते हैं, सफाई होती है, लेकिन इस बार हम इन सबसे दूर रहे क्योंकि पीने के लिए भी पानी जुटाना मुश्किल हो गया था।”
प्रशासन पर उठे सवाल, समाधान की मांग
गाँववासियों ने जल संकट के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। विनोद तिवारी ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हर साल यही समस्या होती है, लेकिन सरकार इस विषय पर ध्यान नहीं देता। हमें जल संरक्षण और वैकल्पिक जल स्रोतों की आवश्यकता है।” उनका कहना है कि इलाके में जल संरक्षण की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। जल स्रोतों का रखरखाव नहीं होने से पानी की उपलब्धता लगातार घट रही है।
जल संकट की ओर संकेत करता यह हालात
पुन्नीवाला गाँव की यह स्थिति पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। जहाँ एक ओर पानी की बर्बादी हो रही है, वहीं दूसरी ओर जल संकट से जूझते गाँव अपनी आवश्यक जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
गाँववासियों ने सरकार से जल्द से जल्द जल आपूर्ति बहाल करने की मांग की है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।