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शिक्षा विभाग नींद में, खतरे में नौनिहाल!

डोईवाला

क्या आप यह मानेंगे कि सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना संचालन को दो दशक से अधिक समय होने के बाद भी कोई ऐसा सरकारी विद्यालय हो सकता है जो अभी तक किचन विहीन है?
जी हां! ऐसा उपेक्षित विद्यालय है डोईवाला विकासखंड में अपर जौली ग्राम में थानों रेंज के वन क्षेत्र से सटा हुआ “राजकीय प्राथमिक विद्यालय अपर जौली”।
विगत तीन वर्षों से “विद्यालय प्रबंधन समिति” द्वारा शिक्षा विभाग से पत्राचार और कई प्रस्ताव भेजे जाने के बाद और सचिव आपदा प्रबंधन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, निदेशक बेसिक शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक , डायट देहरादून , जिलाधिकारी , उपजिलाधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी को लिखित रूप में अवगत कराए जाने के बावजूद किसी भी अधिकारी के द्वारा आज तक छात्र हित में कदम नहीं उठाए जाने पर “विद्यालय प्रबंधन समिति” के अध्यक्ष “श्री शमशेर सिंह राठौर जी” द्वारा रोष प्रकट किया गया है।
श्री शमशेर सिंह राठौर जी के अनुसार विद्यालय के कक्षा कक्ष में शिक्षण के साथ ही सिलेंडर के प्रयोग व अनाज तथा बर्तनों के भण्डारण से बच्चों की सुरक्षा को गम्भीर खतरा उत्पन्न हो गया है। कई अभिभावकों ने शैक्षिक परिवेश को अति उत्तम बनाने के शिक्षकों के आश्वासन पर अपने बच्चों को निजी विद्यालयों से निकालकर “राजकीय प्राथमिक विद्यालय अपर जौली” में प्रवेशित किया था; लेकिन दो वर्ष बाद भी मध्याह्न भोजन योजना संचालन के कक्षा कक्ष में ही संचालित होने के कारण बच्चे खतरे में हैं। और शिक्षा विभाग सो रहा है …
इस सम्बन्ध में विगत एक वर्ष पूर्व भी समाचार पत्र में इस सम्बन्ध में एक लेख प्रमुखता से प्रकाशित होने पर खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती उमा पंवार जी द्वारा इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था किन्तु आज तक भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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