ऋषिकेश(अंकित तिवारी):महिलाओं को भी पुरुषों की तरह मूत्र रोगों से जूझना पड़ता है, लेकिन समाज में प्रचलित संकोच और शर्म के कारण वे अक्सर चिकित्सीय परामर्श लेने से बचती हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग ने महिलाओं के मूत्र रोगों के लिए विशेष क्लीनिक की सुविधा शुरू की है। यह क्लीनिक प्रत्येक मंगलवार को अपराह्न 2 बजे से 4 बजे तक संचालित किया जाता है, जहां विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट महिलाओं की विभिन्न मूत्र संबंधी समस्याओं का समाधान करते हैं।
संकोच न करें, जागरूकता अपनाएं
महिलाओं में मूत्र रोगों की समस्या आम है, लेकिन सामाजिक संकोच उन्हें सही इलाज लेने से रोकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर इलाज न होने से मूत्र असंयम (यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस), मूत्र संक्रमण (यूटीआई) और मूत्राशय संबंधी अन्य गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टरों ने महिलाओं से अपील की है कि वे बिना झिझक अस्पताल आएं और सही परामर्श लें।
1.यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस: अनियंत्रित मूत्र रिसाव
2.वेसिकोवेजाइनल फिस्टुला: मूत्राशय और योनि के बीच असामान्य मार्ग
3.यूटेरोवेजाइनल फिस्टुला: मूत्रवाहिनी (यूरेटर) और योनि के बीच असामान्य मार्ग
4.वेसिकोयूटेराइन फिस्टुला: मूत्राशय और गर्भाशय के बीच असामान्य मार्ग
5.यूरेथ्रल स्ट्रिक्चर: महिला मूत्रमार्ग संकुचित होना
6.ओवरएक्टिव ब्लैडर: बार-बार पेशाब आना
7.इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस: मूत्राशय में जलन और दर्द
8.वॉल्ट प्रोलैप्स: योनि का अंदरूनी हिस्सा नीचे आना
9.स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस: हंसने, छींकने या खांसने पर मूत्र रिसाव
10.रिकरंट यूटीआई: बार-बार मूत्र संक्रमण होना
11.न्यूरोजेनिक ब्लैडर: नसों की समस्या के कारण मूत्राशय का सही से काम न करना
एम्स की पहल – हर महिला को मिले उचित इलाज
एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए और मूत्र संबंधी किसी भी समस्या के लिए तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए। यूरोलॉजी विभाग का यह विशेष क्लिनिक उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है जो संकोच के कारण अपनी बीमारी को नजरअंदाज कर रही थीं। एम्स ऋषिकेश का यह प्रयास महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मूत्र रोगों से ग्रस्त महिलाओं को सही उपचार दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
संकोच छोड़ें, एम्स आएं – सही समय पर इलाज पाएं!