ऋषिकेश(अंकित तिवारी): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया (एस.एस.ए.) की सटीकता, पूर्वानुमान और रोगी सुरक्षा पर केंद्रित दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम और लाइव ऑपरेशनल कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, न्यूरैक्सियल एनेस्थीसिया डेवलपमेंट सोसाइटी (एनएडीएस), टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया (यूके चैप्टर) और आईएसए ऋषिकेश सिटी ब्रांच के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह और डीन एकेडमिक प्रो0 जया चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर उन्होंने न्यूरैक्सियल एनेस्थीसिया में हो रहे नवीनतम विकास पर चर्चा की और इसे एनेस्थेसियोलॉजिस्टों के लिए सीखने व अनुभव साझा करने का महत्वपूर्ण अवसर बताया।
विशेषज्ञों द्वारा लाइव ऑपरेशन प्रदर्शन
पहले दिन संकाय सदस्यों द्वारा सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया पर विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से व्यावहारिक कार्यशालाएँ आयोजित की गईं, जबकि दूसरे दिन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लाइव ऑपरेशनल कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सफल सर्जरी के लाइव प्रदर्शन
कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ0 रूमा ठाकुरिया ने बताया कि कार्यशाला के दौरान लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी, रेडिकल सिस्टेक्टोमी और इलियल कंड्यूट, मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी, फ्रैक्चर थोरैकोलम्बर स्पाइन फिक्सेशन, इंटरट्रोकैनटेरिक फ्रैक्चर फेमर फिक्सेशन और लेप्रोस्कोपिक पीडियाट्रिक ऑर्किडोपेक्सी जैसी जटिल सर्जरी में प्रयुक्त आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का लाइव ऑपरेटिव प्रदर्शन किया गया।
इस आयोजन में प्रमुख चिकित्सकों ने भाग लिया, जिनमें आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर संजय अग्रवाल और डॉ. रूमा ठाकुरिया शामिल रहे। इसके अतिरिक्त सह-आयोजन सचिव डॉ भावना गुप्ता, डॉ निकिता चौधरी, प्रो0 अजीत कुमार, प्रो0 वाई.एस. पयाल, प्रो0 अंकित अग्रवाल, प्रो0 गौरव जैन, डॉ अजय कुमार, डॉ प्रियंका गुप्ता, डॉ दीपक सिंगला, डॉ प्रवीण तलवार, डॉ मृदुल धर, डॉ नरेश पालीवाल, डॉ राजेश शाह, डॉ ऋचा चंद्रा, डॉ तरुण वाघेला, डॉ अरशद अयूब और डॉ गीतांजलि सिंघल सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहे।
इस दो दिवसीय कार्यशाला ने चिकित्सकों को सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया की नई तकनीकों और उनकी व्यावहारिकता पर महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान किया। इस कार्यक्रम से एनेस्थेसियोलॉजिस्टों को अपने अनुभव साझा करने और नवीनतम चिकित्सा तकनीकों को अपनाने का अवसर प्राप्त हुआ।