पिथौरागढ़(अंकित तिवारी): बी डी पाण्डेय अस्पताल में भर्ती मरीज नेहा चंद को एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित निःशुल्क हेली एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से त्वरित चिकित्सा सहायता प्राप्त हुई। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि मरीज को पिछले चार दिनों से लगातार तेज बुखार, पेशाब में कमी और बेहोशी के लक्षण थे, जिसके कारण उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था।
एम्स ऋषिकेश की हेली एम्बुलेंस टीम जब नैनी सैनी एयरपोर्ट पहुंची और मरीज का निरीक्षण किया, तो पाया कि मरीज का ग्लासगो कोमा स्केल (GCS), जो सामान्य रूप से 15 होता है, केवल 5 था। इस स्थिति में तुरंत निर्णय लिया गया और मरीज को सांस की नली और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ एम्स ऋषिकेश लाया गया।
एम्स ऋषिकेश के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की डॉ. ज्वेल और वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी दीपिका कांडपाल के नेतृत्व में मरीज को चिकित्सा सहायता दी गई। बी डी पाण्डेय अस्पताल के डॉक्टर अमन आलम और टीम हेम्स के वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल ने समय पर कार्रवाई की, जिससे मरीज की स्थिति में सुधार हुआ और उन्हें तुरंत एम्स ऋषिकेश लाया गया।
इस पूरे ऑपरेशन में इंचार्ज और नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल और टीम हेम्स ने तत्परता से काम किया और मरीज को जीवन रक्षक उपचार दिया। एम्स ऋषिकेश के इस प्रयास से न केवल मरीज की जान बचाई गई, बल्कि हेली एम्बुलेंस सेवा की महत्ता भी स्पष्ट हुई।