Breakingउत्तराखंडदेश-विदेशमनोरंजनयूथरोजगारशिक्षासामाजिक

डिजिटल युग में सांस्कृतिक सरोकारों की अलख जगा रही है साईं सृजन पटल पत्रिका : डॉ. पी.सी. पाढ़ी

सांस्कृतिक चेतना का मंच बना साईं सृजन पटल , सीपेट निदेशक डॉ. पी.सी. पाढ़ी ने किया नवें अंक का विमोचन

डोईवाला: देवभूमि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, साहित्य, कला, पर्यटन और तकनीकी क्षेत्र को समर्पित मासिक पत्रिका ‘साईं सृजन पटल’ के नवें अंक का विमोचन बुधवार को सीपेट (केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) देहरादून परिसर में संपन्न हुआ। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. पी.सी. पाढ़ी ने पत्रिका का विमोचन करते हुए इसके प्रयासों की सराहना की।

डॉ. पाढ़ी ने कहा कि डिजिटल युग में ‘साईं सृजन पटल’ जैसी पत्रिकाएँ न केवल साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य भी करती हैं। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका राज्य की उभरती प्रतिभाओं को एक साझा मंच देकर उनके विचारों और रचनात्मकता को नई दिशा देने का कार्य कर रही है।

सीपेट की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि संस्थान पॉलीमर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तो अग्रणी है ही, साथ ही अल्पशिक्षित बेरोजगार युवाओं को नि:शुल्क रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रहा है।

पत्रिका के प्रधान संपादक प्रो. (डॉ.) के.एल. तलवाड़ ने कहा कि ‘साईं सृजन पटल’ मात्र एक साहित्यिक पत्रिका नहीं, बल्कि यह एक व्यापक सांस्कृतिक आंदोलन है। यह मंच समाज, सेवा, तकनीक और शिक्षा जैसे विविध विषयों को समेटते हुए समाज में सकारात्मक सोच और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है।

उपसंपादक अंकित तिवारी ने बताया कि पत्रिका का यह अंक विशेष रूप से उन युवाओं, कलाकारों, साहित्यकारों और समाजसेवियों को समर्पित है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देकर समाज को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि इस अंक को शोधपरक, प्रेरणादायक एवं संग्रहणीय स्वरूप देने का प्रयास किया गया है ताकि प्रत्येक पाठक इससे कुछ नवीन और उपयोगी ग्रहण कर सके।

विमोचन कार्यक्रम में सीपेट परिवार के शिक्षकगण समीर पुरी (फैकल्टी केमिस्ट्री),पंकज फुलारा (सहायक तकनीकी अधिकारी )
रवि प्रताप सिंह (लेखा सहायक) राकेश कुमार पटेल (लेखा सहायक) में उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने रचनात्मक अभिव्यक्ति को मंच देने की इस पत्रिका की प्रतिबद्धता को और अधिक सशक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button