ऋषिकेश(अंकित तिवारी):एम्स ऋषिकेश में सोमवार को साक्ष्य आधारित चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सशक्त स्वास्थ्य सेवाएं ही देश की प्रगति की आधारशिला हैं।
कार्यशाला का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ एविडेंस सिंथेसिस, सेंट्रल लाइब्रेरी एम्स ऋषिकेश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त प्रकाशन समूह वोल्टर क्लूवर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में साक्ष्य आधारित निर्णयों की महत्ता को रेखांकित करना और चिकित्सकों को नवीनतम डिजिटल टूल्स के उपयोग के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने चिकित्सकों से अपील की कि वे अपने ज्ञान और तकनीक के बल पर प्रत्येक रोगी के जीवन को बचाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय भी सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से आमजन की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं डिपार्टमेंट ऑफ एविडेंस सिंथेसिस की प्रमुख प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि संस्थान प्रयोगशालाओं और शोध कार्यों के माध्यम से उपयोगी एविडेंस उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने शोध कार्यों को वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित कराएं, जिससे वह व्यापक चिकित्सा समुदाय के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकें।
वोल्टर क्लूवर ग्लोबल ग्रोथ मार्केट्स इंडिया की वाइस प्रेसिडेंट रुचि तुषीर ने डिजिटल हेल्थ टूल्स के उपयोग और प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वोल्टर क्लूवर भविष्य की चिकित्सा प्रणाली को सशक्त करने वाले साक्ष्य-आधारित समाधानों पर कार्य कर रहा है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में वोल्टर क्लूवर की अपर निदेशक शीनम अग्रवाल ने शोध लेखों को वैज्ञानिक जनरल में प्रकाशन की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, अप-टू-डेट, ओविड, डिस्कवरी प्लेटफॉर्म जैसे ऑनलाइन डिजिटल टूल्स के प्रयोग को लेकर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के समन्वयक व संस्थान के वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष एवं सूचना अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित अप-टू-डेट एक्शन टूल के माध्यम से नैदानिक निर्णयों को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही, चिकित्सकों को पुस्तकों, रिसर्च लेखों और अन्य डिजिटल संसाधनों के प्रभावी उपयोग हेतु प्रशिक्षित किया गया।
इस अवसर पर प्रो. जया चतुर्वेदी (डीन अकादमिक), प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू (डीन रिसर्च), प्रो. संजीव मित्तल, प्रो. आशी चुग, प्रो. रश्मि मल्होत्रा, वोल्टर क्लूवर के हर्ष नागपाल, शोए मिश्रा, सारांश, मयंक सहित संस्थान के अनेक वरिष्ठ संकाय सदस्य, पीएचडी स्कॉलर्स और सीनियर रेजिडेंट्स उपस्थित रहे।