ऋषिकेश(अंकित तिवारी): एम्स ऋषिकेश में अब नर्सिंग अधिकारियों के कौशल और ज्ञान को लगातार बढ़ाने के लिए ‘सतत नर्सिंग शिक्षा’ (सी.एन.ई.) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि नर्सिंग अधिकारी नवीनतम चिकित्सा पद्धतियों और तकनीकों से परिचित हो सकें और रोगी देखभाल में और अधिक सुधार कर सकें।
कार्यक्रम का उद्घाटन बुधवार को संस्थान के नर्सिंग विभाग द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नर्सिंग प्रोफेशन को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि नर्सिंग अधिकारी इन कार्यशालाओं के माध्यम से अपनी कौशल को बेहतर बना सकते हैं, जिससे मरीजों को बेहतर देखभाल मिल सकेगी।
चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर सत्या श्री ने भी सी.एन.ई. कार्यक्रम के लाभों पर जोर देते हुए कहा कि यह नर्सिंग स्टाफ को अपने कार्य में और अधिक दक्ष बनाने का एक बेहतरीन अवसर है। डीन रिसर्च प्रोफेसर शैलेन्द्र हांडू ने भी कार्यक्रम की महत्ता को बताया।
मुख्य नर्सिंग अधिकारी डॉ. अनिता रानी कंसल ने कहा कि सी.एन.ई. का उद्देश्य नर्सिंग अधिकारियों को एविडेन्स बेस्ड प्रैक्टिस में प्रशिक्षित करना है, जिससे रोगी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय नर्सिंग परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसके संचालन से नर्सिंग अधिकारियों के कौशल और ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा।
सी.एन.ई. की पहली कार्यशाला में बाल चिकित्सा वेंटिलेशन और श्वसन सहायता पर विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सीएनई सेल के काॅर्डिनेटर जीनू जैकब, अरूण रवि, आयोजन सचिव श्रीकांत देसाई और अन्य स्टाफ का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम में कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रोफेसर स्मृति अरोड़ा, डीन डॉ. रवि कुमार, और अन्य वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम से एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग शिक्षा को और अधिक उन्नत और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।