देहरादून(अंकित तिवारी): जोगीवाला के बद्रीपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आज शुभारंभ हुआ। यह आयोजन मंदिर परिसर के सत्संग भवन में हुआ, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। प्रात:काल मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जो श्रद्धा और आस्था के प्रतीक के रूप में उपस्थित रही।
अपरान्ह में कथावाचक आचार्य पंडित पुरूषोत्तम उनियाल ने शिव महापुराण कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि शिव महापुराण का मूलमंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ है, जिसे पंचाक्षरी मंत्र भी कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, और यह जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
आचार्य उनियाल ने आगे कहा कि भक्ति में अपार शक्ति होती है, जो मनुष्य को भगवान से जोड़ने का काम करती है। उन्होंने भक्ति को समर्पण, प्रेम और विश्वास का रूप बताते हुए कहा कि भक्ति से एक अदृश्य आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।
चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आचार्य ने कहा कि यह अवधि विशेष रूप से साधना, व्रत और धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस समय भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान का एक स्वरूप साकार है और दूसरा निराकार है, जिसे हम अनुभव करते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्रीय पार्षद वीरेंद्र वालिया और साईं सृजन पटल के संयोजक प्रो. के.एल. तलवाड़ ने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे इस पवित्र श्रावण मास में कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करें। कथा नित्य 3 से 6 बजे तक आयोजित होगी और समापन पर आठ अगस्त को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
यह धार्मिक आयोजन क्षेत्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहाँ उन्हें आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ समाजिक एकता और धार्मिक समर्पण की प्रेरणा भी प्राप्त हो रही है।