Breakingउत्तराखंडदेश-विदेशपर्यटनमनोरंजनयूथराजनीतिशिक्षासामाजिकस्वास्थ्य

साईं सृजन पटल ने साहित्य के क्षेत्र में किया मील का पत्थर स्थापित

साईं सृजन पटल के प्रथम स्थापना दिवस पर 'लेखक श्री सम्मान' से रचनाकारों का सम्मान

डोईवाला: साईं सृजन पटल का प्रथम स्थापना दिवस जोगीवाला में भव्यता और उत्साह के साथ मनाया गया। इस आयोजन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले रचनाकारों को सम्मानित किया गया और साहित्य, संस्कृति और समाज के प्रति पटल की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।

समारोह की शुरुआत पटल के संयोजक, सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. के.एल. तलवाड़ के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने साईं सृजन पटल के उद्देश्यों और इसकी साहित्यिक समृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा, “साहित्य और लेखन के माध्यम से समाज को जागरूक और प्रेरित किया जा सकता है। साईं सृजन पटल इस दिशा में निरंतर प्रयासरत रहेगा।”

इस अवसर पर पटल के मासिक पत्रिका के उप संपादक अंकित तिवारी ने भी अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने कहा, “साईं सृजन पटल ने हमेशा लेखन के माध्यम से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश की है। यह मंच हमें अपनी संस्कृति और धरोहर को प्रस्तुत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।”

सम्मानित रचनाकारों में केशर सिंह ऐर, भारती आनन्द, डॉ. अनूप वी. कठैत और मनीष कुमार शामिल थे, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया और साहित्य में अपनी छाप छोड़ी। इन रचनाकारों को ‘लेखक श्री सम्मान’ से नवाजा गया।

समारोह में पटल के उप संपादक अंकित तिवारी, सह संपादक अमन तलवाड़ और डिजाइनर हर्ष मोहन डबराल को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, पटल के सलाहकार मंडल के सदस्य, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस.डी. जोशी और सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. जानकी पंवार को भी सम्मानित किया गया।

इस विशेष कार्यक्रम में नीलम तलवाड़, मिस उत्तराखंड 2025 की फर्स्ट रनरअप वैष्णवी लोहनी, अभिनेत्री अंशिका और इंसाइडी मीडिया के सीईओ अक्षत सहित अन्य प्रमुख उपस्थित थे।

साईं सृजन पटल के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि यह मंच सिर्फ लेखन और साहित्यिक प्रयासों में ही नहीं, बल्कि समाज के विकास और सांस्कृतिक समृद्धि में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस सम्मान समारोह ने साहित्य और संस्कृति के प्रति साईं सृजन पटल के समर्पण को उजागर किया और यह दिखाया कि पटल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button