ऋषिकेश(अंकित तिवारी) – विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन पर एम्स ऋषिकेश में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जनजागरुकता फैलाने के लिए नाट्य प्रस्तुति, क्विज, पोस्टर, और स्टोन पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवजात शिशुओं की माताओं और जनसामान्य को स्तनपान के महत्व से अवगत कराना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नवजात शिशुओं की माताओं को स्तनपान की दिशा में जागरूक करना एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए, जो केवल एक सप्ताह तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे वर्षभर इसे बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्तनपान के प्रति जागरूकता सिर्फ माताओं तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जागरूकता समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए।
प्रोफेसर मीनू सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन एक सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में किया गया है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए डब्ल्यूएचओ की दिशा-निर्देशों के तहत एक निगरानी समिति का गठन किया जाना चाहिए, ताकि स्तनपान को संस्थागत स्तर पर बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यक्रम में नवजात शिशु विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष एडिशनल प्रोफेसर (डॉ.) पूनम सिंह, डीन (अकादमिक) प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी, और मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर (बी. सत्यश्री) ने भी स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर आयोजित नुक्कड़ नाटक ने भी शिशु के लिए स्तनपान के महत्व को दर्शाया, जिसे उपस्थित माताओं, तीमारदारों, और जनसामान्य ने सराहा।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में तरन्नुम अहमद को प्रथम, प्राची को द्वितीय, और रजनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वहीं, स्टोन पेंटिंग प्रतियोगिता में रजनी को प्रथम, रिया रतूड़ी को द्वितीय, और शालिनी सिंह को तृतीय स्थान मिला।
इस अवसर पर नियोनेटोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर (डॉ.) मयंक प्रियदर्शी, प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रोफेसर स्मृति अरोड़ा, चीफ नर्सिंग ऑफिसर डॉ. अनीता रानी कंसल, और अन्य मेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ भी उपस्थित रहे।