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पं० ललित मोहन शर्मा परिसर में आयोजित हुआ पुरातन छात्र सम्मेलन, पुरातन छात्रों ने साझा किए अनुभव

ऋषिकेश(अंकित तिवारी): पं० ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन परिसर ऋषिकेश में विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों का वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और संस्था की प्रगति पर विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन की शुरुआत श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति, प्रो० एन०के० जोशी जी द्वारा की गई। उन्होंने सभी पुरातन छात्रों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय एवं परिसर में हो रहे शैक्षणिक, शोध, एवं अकादमिक कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कुलपति ने विश्वविद्यालय के समृद्ध इतिहास और उसके वर्तमान शैक्षणिक स्तर की प्रशंसा की, साथ ही पुरातन छात्रों से सक्रिय योगदान की अपील की।

इसके बाद पुरातन छात्र संघ के सचिव, प्रो० सुरमान आर्य ने संघ के उद्देश्य और कार्य योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पुरातन छात्र संघ का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच एकजुटता स्थापित करना और विश्वविद्यालय के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित करना है।

संघ के उपाध्यक्ष, प्रो० सुनील बत्रा ने पुरातन छात्रों को संस्थान की नींव के पत्थर के रूप में बताया। उनका कहना था कि पुरातन छात्र किसी भी संस्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे संस्थान की पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कई पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनमें डॉ० लक्ष्मी नारायण जोशी, श्री एन०के० गोयल, प्रो० गुलशन कुमार ढींगरा, श्री अनिरूद्ध उनियाल, श्री सत्तेंद्र कुमार, श्री कृष्ण उप्रेती, प्रो० आदेश कुमार, श्री राजेश अत्रे, डॉ० राजपाल रावत, श्री मनोज कुमार, और डॉ० चेतन गौड जैसे प्रमुख व्यक्ति शामिल थे। इन सभी ने अपने अनुभवों से न केवल प्रेरणा दी, बल्कि विश्वविद्यालय के विकास हेतु सुझाव भी दिए।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ० प्रीती खंडूरी द्वारा किया गया। पुरातन छात्र समिति की डॉ० शलिनी रावत, डॉ० पुष्कर गौड़, डॉ० जय प्रकाश कंसवाल, डॉ० रीता खत्री, और डॉ० नीलाक्षी पांडे ने भी कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम के अंत में परिसर निदेशक, प्रो० महाबीर सिंह रावत ने सभी पुरातन छात्रों और अन्य सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में उनके और विश्वविद्यालय के बीच सहयोग की उम्मीद जताई।

यह सम्मेलन पुरातन छात्रों के लिए एक अद्भुत मंच साबित हुआ, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और विश्वविद्यालय के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का संकल्प लिया।

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