ऋषिकेश(अंकित तिवारी): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में नर्सिंग अधिकारियों के लिए आयोजित सतत नर्सिंग शिक्षा (CNE) कार्यक्रम में मेडिको लीगल मामलों (MLC) में गोपनीयता और दस्तावेजीकरण के महत्व पर गहन चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नर्सिंग पेशेवरों को एमएलसी मामलों में उचित प्रक्रियाओं का पालन करने और रोगी की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए जागरूक करना था।
कार्यक्रम में संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पांडेय ने मीडिको लीगल मामलों के संचालन की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नर्सिंग देखभाल के दौरान रोगी के अपर्याप्त दस्तावेजीकरण से कानूनी प्रक्रिया जटिल हो सकती है, इसलिए यह नर्सिंग अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे दस्तावेज़ों को सटीक और पूर्ण रूप से रिकॉर्ड करें।
प्रदीप चन्द्र पांडेय ने इस बात पर जोर दिया कि मेडिको लीगल मामलों में नर्सिंग अधिकारियों को अस्पताल के रिकॉर्ड को सटीक रूप से दर्ज करने के साथ-साथ पुलिस को सूचित करने, दवाओं के नमूने सुरक्षित रखने और चिकित्सा प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने की जिम्मेदारी भी निभानी होती है।
कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री, मेडिकल रिकॉर्ड विभाग की फेकल्टी इंचार्ज डॉ. नम्रता गौड़, फोरेसिंक विभाग के डॉ. आशीष भूते, फेमिली मेडिसिन विभाग की डॉ. वर्तिका सक्सेना, और अन्य वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारियों ने भी अपनी विशेषज्ञता साझा की।
यह कार्यक्रम एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग अधिकारियों के लिए उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से आयोजित किया जाता है, जिससे वे अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन सही तरीके से कर सकें।