कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी):डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग में रेड क्रॉस इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आर.ए. सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ओजोन परत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “मानवता की सेवा” एक वैश्विक समस्या बन चुकी है, और वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत का क्षरण पृथ्वी और मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है।
प्रो. सिंह ने कहा कि हमें सतत विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से इस समस्या का समाधान खोजना होगा। इस वर्ष ओजोन दिवस की थीम “विज्ञान से वैश्विक कार्यवाही तक” इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि यह हमें वैश्विक स्तर पर मिलकर काम करने की आवश्यकता का अहसास कराती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, रसायन विभाग के प्रभारी डॉ. कमलेश लोहनी ने ओजोन गैस और ओजोन परत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ओजोन परत के क्षरण और उसके दुष्प्रभावों पर भी चर्चा की, और विद्यार्थियों को बताया कि यह हमारी पृथ्वी के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
रेड क्रॉस के प्रभारी डॉ. कीर्तिराम डंगवाल ने स्वयंसेवियों को ओजोन परत के क्षरण के कारणों और इसके प्रभावों के बारे में बताया और रेड क्रॉस की स्थापना और इसके उद्देश्यों से भी अवगत कराया।
रेड क्रॉस की स्वयंसेवी छात्रा सलोनी ने ओजोन गैस की भूमिका पर अपने विचार साझा किए और बताया कि यह गैस न केवल मनुष्य, बल्कि सभी जीवों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में डॉ. मदन लाल शर्मा ने ओजोन परत के क्षरण को वर्तमान विश्व राजनीति का प्रमुख मुद्दा बताया और यह कहा कि इसका समाधान केवल संयुक्त प्रयासों से संभव है।
इस अवसर पर डॉ. कविता पाठक, डॉ. हरीश रतूड़ी, डॉ. नेतराम तथा रेड क्रॉस के अन्य स्वयंसेवी छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर ओजोन परत के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की शपथ ली और इसे अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना पैदा की, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके।