ऋषिकेश:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश ने 3 सितंबर को 56 संविदा कर्मचारियों का कार्यकाल अचानक समाप्त कर दिया था, जिससे कर्मचारियों के बीच आक्रोश फैल गया। गौरतलब है कि कुछ कर्मचारियों के मामले पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन थे, बावजूद इसके इन कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया था।
हालांकि, इस विवाद ने नया मोड़ तब लिया जब केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट), दिल्ली ने 15 कर्मचारियों को तुरंत पुनः बहाल करने का आदेश दिया। इससे पहले, कैट कोर्ट नैनीताल ने 24 कर्मचारियों को बहाल करने के आदेश दिए थे, जिस पर एम्स ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पुनः सेवा में शामिल कर लिया था।
अभी हाल ही में 11 अन्य कर्मचारियों के मामले का आदेश भी आया था, लेकिन उनकी बहाली अभी तक नहीं की गई है। अब तक कुल 50 कर्मचारियों के लिए कोर्ट के आदेश आ चुके हैं, जिनकी बहाली की प्रक्रिया को लेकर एम्स पर दबाव बना हुआ है। इन कर्मचारियों का कहना है कि वे गेट नंबर 2 के बाहर बैठकर अपनी बहाली का इंतजार कर रहे हैं, और उनके लिए न्याय की उम्मीदें अब भी जीवित हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि वे न्यायालय के आदेशों का पालन करने के लिए संस्थान से उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।संबंधित अधिकारियों के द्वारा इस मामले पर प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।