रायवाला, प्रतीतनगर(अंकित तिवारी) – राजकीय प्राथमिक विद्यालय, श्री रामलीला चौक वार्ड नंबर 06, प्रतीतनगर गांव रायवाला में लोक कल्याण समिति द्वारा आयोजित चतुर्थ श्री रामलीला महोत्सव के पंचम दिन सीता स्वयंवर के दृश्य का भव्य मंचन किया गया। इस दौरान प्रमुख चार दृश्य प्रस्तुत किए गए – फुलवारी, रावण-बाणासुर संवाद, धनुष यज्ञ (सीता स्वयंवर) और परशुराम-लक्ष्मण संवाद।
मुख्य मंच उद्घोषक एवं लोक कल्याण समिति के प्रवक्ता श्री विरेन्द्र नौटियाल (वीरू) ने बताया कि सोमवार रात को हुए मंचन में राजा जनक ने सभी राज्यों के राजाओं को आदरपूर्वक महल में बुलाया। अगले दिन श्रीराम और लक्ष्मण फूल लेने फुलवारी में गए, जहाँ सीता भी माता पार्वती की पूजा करने आईं। सीता ने श्रीराम को देखा और उनके प्रति आकर्षित हो गईं।
इस दृश्य को श्रीरामचरित मानस की चौपाई के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें सीता की शोभा देखकर श्रीराम ने हृदय में उनकी सराहना की, लेकिन शब्द नहीं निकाले। इसके बाद सीता ने श्रीराम को पति रूप में पाने की कामना की। अगले दिन स्वयंवर में यह शर्त रखी गई कि जो कोई भगवान शंकर के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, वही सीता का पति होगा।
जब सभी राजा धनुष को उठाने में असफल रहे, तो श्रीराम ने धनुष उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाया, जिससे धनुष टूट गया। धनुष टूटने की आवाज सुनते ही परशुराम पहुंचे और उन्होंने धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछा, जिससे वहां सन्नाटा छा गया। इस पर परशुराम और लक्ष्मण के बीच तीव्र संवाद हुआ, जिसे देखने के लिए पूरे गाँव में भीड़ जमा हो गई।
श्रीराम के पात्र में सौरभ चमोली, लक्ष्मण के रूप में जयंत गोस्वामी, सीता के रूप में नितीश सेमवाल, रावण के रूप में मुकेश तिवाड़ी, परशुराम के रूप में कमल देव जोशी और अन्य कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया।
मंचन के बाद, लोक कल्याण समिति ने राधा रसिक कीर्तन मंडली, राधा कृष्णा कीर्तन मंडली, लीला शर्मा, रिखिराम शर्मा, और अन्य उपस्थित अतिथियों को राम दरबार की माला और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
समारोह में लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाधर गौड़, उपाध्यक्ष बालेन्द्र सिंह नेगी, सचिव नरेश थपलियाल, कोषाध्यक्ष मुकेश तिवाड़ी, प्रवक्ता विरेन्द्र नौटियाल (वीरू), मुख्य निर्देशक महेन्द्र सिंह राणा, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
समारोह का आयोजन हर किसी के लिए एक अद्भुत अनुभव था, जिसमें सैकड़ों राम भक्तों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और भव्य मंचन का आनंद लिया।