प्रतीतनगर(अंकित तिवारी): रायवाला में आयोजित चतुर्थ श्री रामलीला महोत्सव में आज एक अद्भुत मंचन हुआ, जिसमें प्रमुख दृश्य जैसे अशोक वाटिका, लंका दहन, हनुमान वापसी और विभीषण का शरणागत प्रमुख आकर्षण बने। इस मौके पर दर्शकों ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ प्रभु श्रीराम की लीला का आनंद लिया।
महोत्सव के मुख्य उद्घोषक व लोक कल्याण समिति, प्रतीतनगर, रायवाला रजिस्टर्ड के प्रवक्ता विरेन्द्र नौटियाल (वीरू) ने मंचन की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार की लीला में हनुमान जी के लंका दहन के बाद विभीषण राक्षसराज रावण को समझाने दरबार में पहुंचते हैं। रावण के क्रोध के बाद विभीषण समुद्र पार कर श्रीराम के चरणों में शरणागत होते हैं और श्रीराम उन्हें हृदय से स्वीकार कर लेते हैं। राम की स्वीकृति के साथ विभीषण को लंका का राजा बना दिया जाता है।
इस महोत्सव के दौरान कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों और समाजसेवियों को राम दरबार की माला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इनमें के. के. अग्रवाल, डॉ. रवि कुमार, वरिष्ट उप निरीक्षक मनवर सिंह नेगी, लक्ष्मी राणा, डॉ. हेतराम ममगाई, प्रतीक कालिया, अनूप बिजलवान, राजेश जुगलान जैसे प्रमुख लोग शामिल थे।
रामलीला महोत्सव में अभिनय करने वाले पात्रों में श्रीराम का किरदार सौरभ चमोली, सीता का किरदार नितीश सेमवाल, लक्ष्मण का किरदार जयंत गोस्वामी, हनुमान का किरदार आशीष सेमवाल, रावण का किरदार सचिन गौड़, मंदोदरी का किरदार मोहन थापा, विभीषण का किरदार सुभाष गैरोला, मेघनाथ का किरदार सूरज चमोली, नल-यश, नील-अंश, जामवंत-तीरथ सिंह, वानर सेना के राजू, प्रियांश और राक्षस दल के प्रिंस, राज, विष्णु जैसे पात्रों ने बेहतरीन अभिनय किया।
समिति के अध्यक्ष गंगाधर गौड़, उपाध्यक्ष बालेन्द्र सिंह नेगी, सचिव नरेश थपलियाल, कोषाध्यक्ष मुकेश तिवाड़ी, प्रवक्ता विरेन्द्र नौटियाल (वीरू) और अन्य समिति सदस्य भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल थे।
इस शानदार मंचन ने दर्शकों को श्रीराम की महिमा और उनकी भव्य लीलाओं के प्रति और अधिक श्रद्धा से भर दिया।