कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी): उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा के अध्ययन केन्द्र -17030, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में स्नातक स्तर पर बी.ए., बी.कॉम., और बी.एससी के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राम अवतार सिंह, डॉ. एम.एस. कण्डारी, और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र निदेशक डॉ. आर.सी. भट्ट की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सहायक क्षेत्रीय निदेशक सुश्री प्रियंका लोहनी पाण्डेय ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. आर.सी. भट्ट ने छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें विश्वविद्यालय के स्नातक कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए प्रत्येक सेमेस्टर में 120 कैडिट पूरा करना अनिवार्य है, जिसमें तीन मुख्य विषय होंगे, प्रत्येक के 4 कैडिट होंगे। इसके अलावा मेजर विषय और Vocational Courses के भी विषय होंगे।
उन्होंने छात्रों को एबीसीडी आईडी बनाने के दौरान ध्यान रखने की सलाह दी और साथ ही विषय चयन के दौरान सही संयोजन का चयन करने की बात की। डॉ. भट्ट ने यह भी कहा कि छात्रों को हर सेमेस्टर में 30 अंक का ऑनलाइन सत्रीय कार्य और 70 अंक की मुख्य परीक्षा देनी होगी।
कार्यक्रम में सहायक क्षेत्रीय निदेशक प्रियंका लोहनी पाण्डेय ने तकनीकी जानकारी दी और फार्म भरने में होने वाली त्रुटियों को सुधारने के तरीके साझा किए। उन्होंने बताया कि अगर किसी छात्र को अपने विषय में बदलाव करना हो, तो वह एक माह के भीतर फार्म भरकर बदलाव कर सकता है। इसके अलावा, छात्रों को अब दो कोर्स एक साथ करने की सुविधा भी दी गई है, जिससे वे एक संस्थागत और एक दूरस्थ कोर्स एक साथ कर सकते हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राम अवतार सिंह ने छात्रों से विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की और कहा कि यह उनके भविष्य के निर्माण में सहायक होंगे। डॉ. एम.एस. कण्डारी ने विश्वविद्यालय की अध्ययन प्रणाली, परीक्षा प्रणाली और समय-सारणी की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर विभिन्न विषयों के परामर्श सत्रों का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉ. राधा रावत (हिंदी), डॉ. मृगांक मलासी (संस्कृत), डॉ. वी.आर. अंथमाल (इतिहास), डॉ. कीर्तिराम डंगवाल (राजनीति विज्ञान), डॉ. शालिनी सैनी (अर्थशास्त्र), और डॉ. दिशा शर्मा (अंग्रेजी) ने अपनी-अपनी विषयों की जानकारी दी।
इस दीक्षारम्भ कार्यक्रम में महाविद्यालय के अन्य शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनने का लाभ उठाया।




