कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी) – राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में मंगलवार को गंगा राष्ट्रीय नदी दिवस के अवसर पर एक विशेष भाषण एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “नमामि गंगे” परियोजना के तहत आयोजित किया गया, जिसमें गंगा नदी के महत्व पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम अवतार सिंह ने किया, जिन्होंने गंगा को केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि गंगा की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र में भी यह नदी अपार संभावनाओं को समेटे हुए है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. आर. सी. भट्ट और डॉ. मृगांक मलासी उपस्थित रहे। डॉ. भट्ट ने गंगा के उद्भव, उसके महत्व और सांस्कृतिक संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गंगा पर कविता का पाठ करते हुए इसके सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को भी समझाया।
नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. कीर्तिराम डंगवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर “राष्ट्र निर्माण में गंगा के योगदान” पर एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें लवली बिष्ट ने प्रथम, पल्लवी ने द्वितीय और अनुपमा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे, जिन्होंने गंगा के संरक्षण और संवर्धन के महत्व को समझने के साथ-साथ इस नदी के संरक्षण के लिए अपने योगदान का संकल्प लिया।
इस आयोजन ने गंगा नदी के प्रति सम्मान और उसकी महिमा को न केवल प्रस्तुत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को इसके संरक्षण की आवश्यकता का भी अहसास कराया।




