ऋषिकेश(अंकित तिवारी): श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, टिहरी गढ़वाल के पंडित ललित मोहन शर्मा ऋषिकेश परिसर के रसायन विभाग द्वारा राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य में “हरित सौंदर्य कौशल” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में साबुन, लोशन और जैल बनाने के व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्यावरण-अनुकूल कॉस्मेटिक उत्पादों के निर्माण का ज्ञान दिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने किया और कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं। उनका उद्देश्य है कि इस तरह के व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं, जिससे छात्रों को भविष्य में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सके।
कार्यशाला का मार्गदर्शन डॉ. हेमा भंडारी, सहायक प्रोफेसर, रसायन विभाग, मैत्रेयी महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय ने किया, जिन्होंने हाल ही में इंडियन इनोवेटर संगठन द्वारा भारत के 100 सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषकों में स्थान प्राप्त किया है। डॉ. भंडारी ने विद्यार्थियों को हरित सौंदर्य उत्पादों के निर्माण की तकनीकों के बारे में सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया।
आयोजन सचिव डॉ. आर. के. जोशी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रभावी, सुरक्षित और टिकाऊ उत्पाद बनाने के कौशल से लैस करना था, जो पर्यावरणीय एवं नैतिक मूल्यों के अनुरूप हों। साथ ही, यह कार्यशाला स्वरोजगार और स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एस. पी. सती, कार्यशाला के समन्वयक ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य हरित सौंदर्य क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है, ताकि नई पीढ़ी को इस क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।
यह कार्यशाला विद्यार्थियों को अपने कौशल का विकास करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा के लिए योगदान कर सकते हैं।








