ऋषिकेश (अंकित तिवारी):उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड वेलफेयर सोसायटी एवं उत्तराखंड परिवार – एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एम्स परिवार के उत्तराखंड मूल के कर्मचारियों ने राज्य की समृद्ध लोकसंस्कृति, परंपरा और विरासत को जीवंत प्रस्तुतियों के माध्यम से साकार किया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की लोकधरोहर को सहेजना, युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ना और “नशे को छोड़ना है, संस्कृति को अपनाना है” का संदेश समाज तक पहुंचाना रहा।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण , जिन्होंने अपने सुरम्य स्वरों और अलौकिक लोक प्रस्तुतियों से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत जागर गायन और गढ़वाली लोकगीतों ने श्रोताओं को अपनी सांस्कृतिक अस्मिता पर गर्व का अनुभव कराया। उन्होंने कहा कि “इस तरह के आयोजन हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। हम अपने लोकगीतों, लोकनृत्यों और परंपराओं के माध्यम से न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक भी इसे पहुंचाते हैं।”
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश रहीं। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक जड़ें हमारी पहचान हैं। ऐसे आयोजनों से हम न केवल अपने लोककला को संरक्षित करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. उदित चौहान, डॉ. मधुर उनियाल, संदीप सिंह (जन संपर्क अधिकारी), डॉ. सिद्धि कोठियाल, डॉ. जितेंद्र गैरोला एवं गौरव बडोला उपस्थित रहे। सभी ने उत्तराखंड के लोक संगीत, नृत्य एवं पारंपरिक परिधान की भव्यता की सराहना की।
कार्यक्रम में एम्स के शिक्षकों, चिकित्सकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा उत्तराखंड समुदाय के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। लोकनृत्य और पारंपरिक परिधान में सजे प्रस्तुतकर्ताओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को मंच पर साकार किया।
अंत में देवभूमि उत्तराखंड वेलफेयर सोसायटी द्वारा यह संकल्प लिया गया कि आने वाले समय में भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य की लोकसंस्कृति, लोककला एवं परंपरा को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का कार्य निरंतर जारी रहेगा।
आयोजन समिति में अखिलेश उनियाल, अनुराग पंत, काकुल बेलवाल, दीपक बिष्ट, पंकज पालीवाल, मनोज चमोली, नरेश भट्ट, अंशुल पोखरियाल, जितेंद्र नेगी, पूजा ठाकुर, विनीता एवं रिंकी राणा सहित अनेक सदस्यों का उत्कृष्ट योगदान रहा, जिनके प्रयासों से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल और प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।





