नई दिल्ली(अंकित तिवारी): भारत सरकार ने ग्राम पंचायतों के कार्यों में मदद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पंचायती राज मंत्रालय ने 14 अगस्त 2025 को ‘सभासार’ नामक एआई-पावर्ड मीटिंग-समरी बनाने वाले टूल की शुरुआत की। यह टूल ग्राम पंचायतों की बैठकों, विशेषकर ग्राम सभाओं, की ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग का उपयोग करते हुए संरचित मिनट्स तैयार करने का काम करता है।
सभासार टूल में एडवांस्ड नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जो बैठक के दौरान बोले गए शब्दों को शुद्ध रूप से टेक्स्ट में बदलने में सक्षम है। इसके साथ ही, यह टूल नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन (NLTM) और भाषिणी प्लेटफार्म से जुड़ा है, जो इसे भारतीय भाषाओं के बीच ट्रांसलेशन और ट्रांसक्रिप्शन की सुविधा प्रदान करता है। वर्तमान में यह 22 भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन और 13 भारतीय भाषाओं में वॉइस-टू-टेक्स्ट ट्रांसक्रिप्शन का समर्थन करता है। इस पहल से भारतीय भाषाई विविधता वाले क्षेत्रों में पंचायतों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
सभासार के रोलआउट की शुरुआत 15 अगस्त 2025 को त्रिपुरा की 1,194 ग्राम पंचायतों से हुई थी। इस टूल के उपयोग को 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे देश में बढ़ावा दिया गया था, और 28 नवम्बर 2025 तक देशभर की कुल 92,034 ग्राम पंचायतों ने इसका उपयोग शुरू कर दिया है।
यह टूल ग्राम पंचायतों के कामकाज को पारदर्शी, सटीक और समयबद्ध बनाने में मदद करेगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होगी। ‘सभासार’ की शुरुआत से पंचायतों के मीटिंग्स और निर्णयों का दस्तावेजीकरण आसान हो जाएगा, और नागरिकों को अधिक जानकारी मिल सकेगी।
केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने 3 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इस टूल की सफलता और विस्तार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह टूल ग्राम पंचायतों के कामकाज को एक नई दिशा दे रहा है और ग्रामीण विकास में तकनीकी समावेश को बढ़ावा दे रहा है।
इस नई पहल से पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, जो लोकतंत्र के हर स्तर पर और अधिक सशक्त और प्रभावी सरकार के निर्माण में मददगार साबित होगी।




