कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी): डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग, सोशल साइंस मैनेजमेंट वेलफेयर एसोसिएशन और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ टीचर्स, एडमिनिस्ट्रेटर्स एंड रिसर्चर्स, बैंकॉक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का सफलता पूर्वक समापन हुआ। इस सम्मेलन का विषय था ‘शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता और आर्थिक विकास—वैश्विक समृद्धि के मार्ग’, जो न केवल देश, बल्कि विदेशों के विद्वानों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाने में सफल रहा।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन देश-विदेश के प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के प्रो. कुलवंत सिंह पठानिया, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज रुद्रपुर के प्राचार्य ए. एन. सिंह, सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंस के डॉ. राम सिंह और गवर्नमेंट गर्ल्स डिग्री कॉलेज बीहट उत्तर प्रदेश के डॉ. नीरज कुमार जैसे विशिष्ट अतिथियों ने विषय से संबंधित महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।
प्रो. कुलवंत सिंह पठानिया ने एसक्यूआरआरआर अधिगम मॉडल पर प्रकाश डाला, जिससे विद्यार्थियों की विश्लेषणात्मक क्षमता और दीर्घकालिक स्मृति को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने पठन कौशल की गतिशीलता पर विस्तार से चर्चा की। वहीं, प्राचार्य ए. एन. सिंह ने उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था और पर्यटन के विकास पर अपने विचार रखे और रोजगार एवं उद्यमिता के अवसरों को विस्तार से बताया।
डॉ. राम सिंह ने युवा पीढ़ी को नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, वहीं डॉ. नीरज कुमार ने शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को वैश्विक समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला बताया। उन्होंने वैश्विक दृष्टिकोण को अनिवार्य बताते हुए शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित किया।
कॉन्फ्रेंस के तकनीकी सत्र में डॉ. नीरज कुमार ने शोधपत्र प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया और मार्गदर्शन प्रदान किया। सत्र की सफलता में सह-संयोजक तरुण कुमार आर्य का भी विशेष योगदान रहा। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम अवतार सिंह ने सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन शैक्षिक गतिविधियों को सशक्त बनाते हैं और विद्यार्थियों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य से परिचित कराते हैं।
समापन सत्र में संयोजक डॉ. रविंद्र कुमार ने सम्मेलन के सभी सत्रों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और बताया कि इस सम्मेलन की बौद्धिक गुणवत्ता देश-विदेश से जुड़े विद्वानों की सक्रिय सहभागिता के कारण उच्चतम स्तर पर पहुंची। उन्होंने ऐसे आयोजनों को शोधार्थियों और प्राध्यापकों के लिए नए शोध के अवसर प्रदान करने वाला बताया।
महाविद्यालय के पूर्व सेवानिवृत्त प्राचार्य व साईं सृजन पटल के संस्थापक प्रो. के.एल. तलवाड़ ने सम्मेलन के सफल आयोजन पर महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दीं और इस पहल को सराहा।
कॉन्फ्रेंस के आयोजन में डॉ. रविंद्र कुमार (संयोजक), डॉ. हिना नौटियाल (सह संयोजक), तरुण कुमार आर्य (सह संयोजक), डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी (आयोजन सचिव), डॉ. नेतराम और डॉ. दीप सिंह (समन्वयक) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन के समापन पर महाविद्यालय परिवार ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस न केवल ज्ञानवर्धन का माध्यम बनी, बल्कि शैक्षिक जगत में नए शोध और विचार विमर्श की एक समृद्ध परंपरा को भी बढ़ावा दिया।





