कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी): उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय, कर्णप्रयाग और विशेष शिक्षा संकाय के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की ‘एक विश्वविद्यालय-एक शोध’ योजना के अंतर्गत आयोजित की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों और वंचित वर्ग को उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना था।
कार्यशाला का आयोजन डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में हुआ, जिसमें कर्णप्रयाग ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन सहायक निदेशक प्रियंका लोहानी द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एम. एस. कंडारी, क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आर.सी. भट्ट, सहायक निदेशक प्रियंका लोहानी, विशेष शिक्षा के प्राध्यापक डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल और तरुण नेगी, कार्यालय सहायक संतोष ढोंडियाल समेत अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यशाला के दौरान, क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आर.सी. भट्ट ने अपने संबोधन में उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से उच्च शिक्षा एवं रोजगार के बारे में जागरूकता फैलाने की अपेक्षा की। उन्होंने दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा में प्रवेश दिलाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने हेतु सक्रिय भूमिका निभाने की बात की। उन्होंने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों और प्रवेश संबंधी जानकारी भी दी।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एम.एस. कंडारी ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों से दिव्यांगजनों और वंचित वर्ग के लिए शिक्षा के दरवाजे खुलते हैं। डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल ने दिव्यांगजनों के लिए मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के बारे में विस्तार से बताया और यह भी बताया कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
संचालिका प्रियंका लोहानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कई बार जानकारी के अभाव में समाज का वंचित वर्ग उच्च शिक्षा से वंचित रह जाता है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से आग्रह किया कि वे ऐसे व्यक्तियों को उच्च शिक्षा में नामांकन के लिए प्रेरित करें।
कार्यशाला के दूसरे चरण में, विशेष शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल और तरुण नेगी ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और पुनर्वास के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने दिव्यांगताओं के कारण, प्रकार, और उनके उपचार के तरीकों पर चर्चा की।
कार्यशाला के समापन पर सहायक क्षेत्रीय निदेशक प्रियंका लोहानी ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में क्षेत्रीय कार्यालय के सभी सदस्य, जैसे डॉ. आर.सी. भट्ट, डॉ. कंडारी, संतोष ढोंडियाल, उमेश पुरोहित, और विशाल का अहम योगदान रहा।
इस कार्यशाला के माध्यम से दिव्यांगजनों और वंचित वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के दरवाजे खोलने का महत्वपूर्ण प्रयास किया गया, जो निश्चित रूप से उत्तराखंड के सामाजिक विकास में एक नया मोड़ साबित होगा।







