डोईवाला(अंकित तिवारी) : महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद मेजर दुर्गामल जी की पुण्यतिथि के अवसर पर साईं सृजन पटल के कार्यालय में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहीद मेजर दुर्गामल जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए, और उनके महान बलिदान को याद किया गया।
साईं सृजन पटल के संयोजक प्रो. के.एल. ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि शहीद मेजर दुर्गामल जी का जन्म 1 जुलाई 1913 को देहरादून जनपद के डोईवाला में हुआ था। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में गोरखा रेजिमेंट में भर्ती होकर अपनी सेवा शुरू की। 1942 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के आह्वान पर वे आज़ाद हिंद फौज (आई. एन. ए.) में शामिल हो गए। 27 मार्च 1944 को मणिपुर के मोरांग में अंग्रेजी सेना के साथ महीनों तक लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई में भाग लिया। इस दौरान उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 25 अगस्त 1944 को दिल्ली के सेंट्रल जेल में उन्हें फांसी दी गई।
प्रो. के.एल. ने आगे कहा, “शहीद मेजर दुर्गामल जी का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी वीरता और बलिदान को देखते हुए उनकी प्रतिमा संसद भवन परिसर में स्थापित की गई है, और डोईवाला महाविद्यालय का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि देश के लिए समर्पण और बलिदान का कोई विकल्प नहीं है।”
कार्यक्रम में साईं सृजन पटल की प्रमुख सदस्य नीलम तलवाड़, अक्षत तलवाड़, और इंसाइडी क्रियेटिव मीडिया का स्टाफ भी मौजूद था। सभी ने शहीद मेजर दुर्गामल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके अद्वितीय बलिदान को याद किया।
इस अवसर पर उनके योगदान को लेकर युवाओं को जागरूक किया गया, ताकि वे अपने राष्ट्र के लिए समर्पण और साहस का आदान-प्रदान कर सकें।