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संविधान और शिक्षा पर संवाद: डॉ. निशंक और मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की ऐतिहासिक मुलाकात

देहरादून(अंकित तिवारी): पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ से शिष्टाचार भेंट की। इस विशेष मुलाकात में भारतीय संविधान की भूमिका, भारतीय भाषाओं का महत्व, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक संवाद हुआ। इस चर्चा के माध्यम से इन विषयों पर गहन चिंतन और नयी दृष्टिकोण का आदान-प्रदान हुआ, जो कि भारतीय शिक्षा प्रणाली और भाषायी परंपराओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो सकता है।

मुख्य न्यायाधीश डॉ. चंद्रचूड़ ने इस अवसर पर थानों में आयोजित ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024’ के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दीं और इस साहित्यिक पहल के प्रति अपनी गहरी रुचि जताई। उन्होंने यह भी अभिव्यक्त किया कि भारत के प्रथम लेखक गाँव में आने की उनकी विशेष अभिलाषा है, जो कि देश के साहित्य प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है।

हालांकि, अपरिहार्य कारणों के चलते, मुख्य न्यायाधीश स्वयं महोत्सव में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन उनकी ओर से न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया (वरिष्ठतम न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय) ने प्रतिनिधित्व किया। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की उपस्थिति ने इस आयोजन को गरिमामयी बना दिया।

इस अवसर पर, डॉ. निशंक ने अपनी पुस्तक “आस्था एवं अध्यात्म-धरती का स्वर्ग उत्तराखण्ड” को भेंट करते हुए उत्तराखंड की आस्था, परंपराओं और आध्यात्मिक धरोहर के प्रति अपने भावनात्मक संबंध को साझा किया।

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