ऋषिकेश(अंकित तिवारी): देश की पहली हेली एम्बुलेंस सेवा ‘संजीवनी’ ने उत्तराखंड में आपातकालीन चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए अब तक हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं की मदद से 309 गंभीर मरीजों की जान बचाकर एक नया इतिहास रच दिया है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के माध्यम से यह असाधारण कार्य कर अपनी क्षमता और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे और नवगठित राज्य ने देश में पहली बार हेली एम्बुलेंस सेवा शुरू कर यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प यदि दृढ़ हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। राज्य ने चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों में तेज और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर अन्य राज्यों के लिए मिसाल पेश की है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा संकट के समय उत्तराखंडवासी अद्भुत धैर्य और साहस के साथ चुनौतियों का सामना करते हैं। यह राज्य न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है। उत्तराखंड की इस विकास यात्रा में शामिल होकर उन्हें एक विशेष सुखद अनुभूति हो रही है।
इस अवसर पर हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस , एम्स ऋषिकेश के इंचार्ज एवं नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने केंद्रीय मंत्री को ‘संजीवनी’ हेली एम्बुलेंस सेवा की अब तक की उपलब्धियों और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। डॉ. उनियाल ने बताया कि यह सेवा पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले उन लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, जिन तक समय पर चिकित्सा सहायता पहुँचना मुश्किल होता है।
इस दौरान , हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस, एम्स ऋषिकेश के टीम सदस्य भी मौजूद रहे, जिन्होंने सेवा के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एम्स ऋषिकेश की यह पहल उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी है, जिससे भविष्य में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में और नवाचार संभव होंगे।