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साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता साईं सृजन पटल : प्रो. मैठाणी

डोईवाला: साईं सृजन पटल पत्रिका के 16वें अंक का विमोचन आज एक भव्य समारोह में प्रो. डी. डी. मैठाणी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने पत्रिका की सफलता के लिए संपादकीय टीम को बधाई दी और साहित्यिक में इसके योगदान को सराहा।प्रो. मैठाणी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य और पत्रकारिता समाज की दिशा और दशा को प्रभावित करती है। साईं सृजन पटल जैसी पत्रिकाएँ इस दिशा में अहम योगदान दे रही हैं, जो न केवल विचारों का आदान-प्रदान करती हैं, बल्कि समाज को जागरूक करने का भी काम करती हैं।

उन्होंने कहा कि, साहित्य केवल एक कलात्मक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि समाज की चेतना का विस्तार करने का एक सशक्त माध्यम है। साईं सृजन पटल ने जो कार्य शुरू किया है, वह साहित्यिक समाज में एक नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार कर रहा है।

पत्रिका के संपादक प्रो. (डॉ.) के. एल. तलवाड़ ने  कहा कि, हमारा उद्देश्य केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि उन विचारों और दृष्टिकोणों को सामने लाना है जो समाज के हर पहलू को छूते हैं। इस अंक के माध्यम से हम और भी बेहतर साहित्यिक व सांस्कृतिक परंपराओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं।साईं सृजन पटल ने साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किए हैं, जो न केवल आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक धरोहर के रूप में काम करेंगे।

पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी ने कहा, इस अंक में समाज के विभिन्न पहलुओं को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह पत्रिका न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक साधन भी है।

इस अवसर पर नीलम तलवाड़, इंसाइडी क्रिएटिव मीडिया के सीईओ अक्षत और उनका स्टाफ भी मौजूद रहा।जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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