100 गुनहगार छूट जाए मगर एक निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह कहना है मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार लाल जी का और यही न्यायपालिका का एक स्थापित सिद्धांत भी है। मामला जिला पौड़ी गढ़वाल थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी का है। जहां प्रिंसिपल शीतल रावत निर्दोष बताई जा रही है।
शिक्षिका शीतल रावत ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में ऑन ड्यूटी थी। और जो लड़की पढ़ाने के लिए रखी गई थी वह एस,एम,सी के प्रस्ताव के आधार पर रखी गई थी क्योंकि कुछ समय पहले तक विद्यालय में शीतल रावत अकेली शिक्षक थी अब वर्तमान में कुछ समय पहले दूसरी शिक्षिका भी आ गई हैं।